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बांके बिहारी का 2100 किलो पंचामृत से अभिषेक,  शोभायात्रा निकाली

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मथुरा में बांके बिहारी के 480वें प्राकट्य उत्सव की धूम है। ठाकुरजी की प्राकट्य स्थली निधिवन राज मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रविवार को ब्रह्म मुहूर्त में उनका पंचामृत से अभिषेक किया गया। मंदिर के पुजारियों ने 2100 किलो दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से पंचामृत तैयार किया था। इसके बाद महाआरती उतारी गई। इसके बाद शोभायात्रा निकाली गई।

ऐसी मान्यता है कि 480 साल पहले रसिक साधना के संत स्वामी हरिदास जी ने अपनी संगीत साधना के जरिए भगवान बांके बिहारी जी को वृंदावन की पवित्र भूमि से प्रकट किया था। बिहार पंचमी के दिन प्रकट हुए भगवान बांके बिहारी जी का प्रति वर्ष बड़े धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है।

पंचामृत अभिषेक के बाद सुबह करीब 10 बजे से श्री रंगनाथ मंदिर से बधाई शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा में चांदी के रथ में स्वामी हरिदास जी के चित्र को विराजमान किया गया। इसके बाद भव्य शोभायात्रा नगर में भ्रमण कर रही है।

बांके बिहारी जी के प्रकट्य उत्सव पर पूरे मंदिर को पीले रंग के गुब्बारे, फूल और कपड़ों से सजाया गया। आकर्षक लाइट भी लगाई गई हैं। रविवार रात को निधिवन और बांके बिहारी मंदिर पर भव्य आतिशबाजी की जाएगी। निधिवन में सुबह मधुकर अपनी संगीत साधना से भगवान बांके बिहारी जी को बधाई देंगे तो शाम को प्रख्यात भजन गायिका पूर्णिमा दीदी भजन गायन करेंगी।

मंदिर के सेवायत गोपी गोस्वामी ने बताया, प्राकट्य उत्सव के अवसर पर रविवार शाम को भगवान बांके बिहारी जी का आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा। उनको सोने से बना मुकुट, कुंडल, कंगन, कौंदनी के अलावा विशेष हार धारण कराया जाएगा। हीरे के गहने भी भगवान पहनेंगे। यह सभी आभूषण भगवान बांके बिहारी के श्रृंगार हैं।

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