दर्दनाक यातना : महीनों तक आठ साल के मासूम को बंधक बनाकर मां ने ही पीटा, हाथों में गड्ढे कर दिए
दिल्ली. हरीनगर इलाके से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. एक आठ साल के बच्चे को उसकी सौतेली मां के द्वारा महीनों से बुरी तरह मारा-पीटा जा रहा था. उसके रोने और दर्द से कराहने की आवाजें भी मोहल्ले में गूंजती थी. आखिकार मंगलवार को पड़ोस के लोगों ने दिल्ली महिला आयोग की 181 हेल्पलाइन पर कॉल किया और हिंसा की घटना की सूचना दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची आयोग की टीम ने बच्चे को रेस्क्यू कराया.
जानकारी के मुताबिक हेल्पलाइन पर आई शिकायत के बाद दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission for women) की टीम उस घर में पहुंची तब भी बच्चे के रोने और चीखने की आवाजें सुनाई दे रही थीं. इसके बाद आयोग की टीम ने पुलिसकर्मी बुलाकर बच्चे को सौतेली मां से मुक्त कराया साथ ही महिला को पुलिस स्टेशन ले गई. इस दौरान शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने कई बार इसकी शिकायत पुलिस को भी की लेकिन पुलिस ने इसे घर का मामला बता कोई कार्यवाही नहीं की थी.
इसके बाद पुलिस स्टेशन पहुंचकर बच्चे की काउंसलिंग कराई गई. जिसमें बेहद डरे हुए बच्चे ने अपनी आपबीती बताई. उसने बताया कि उसके साथ रोज़ उसकी सौतेली माँ बुरी तरह मारपीट करती थी. कई बार खाना नहीं दिया जाता था और न ही उसे घर से बाहर जाने दिया जाता था. जब जब मां बाहर जाती उसे रस्सी से बांधकर जाती थी और फिर पीटती थी. बच्चे के हाथ पर ज़ख्मों के निशान उसके साथ हुई बर्बरता की कहानी साफ दर्शाते रहे थे. उसके हाथ पर कंघी से हमला करने के भी निशान थे जिसकी वजह से हाथ में छोटे खड्डे हो गए. उसके पूरे हाथ सूजे हुए थे. इतना ही नहीं पीठ पर नोचने के निशान थे, सर में अमानवीय चोटें और पूरे शरीर पर गंभीर जख्म थे.
बच्चे के बयान के आधार पर मामले में हरीनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई और बच्चे को मेडिकल जांच के लिए लिए ले जाया गया. जहां से जांच के बाद बच्चे को शेल्टर होम ले जाया गया और उसके बाद बुधवार को उसे बाल कल्याण समिति (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) के सामने प्रस्तुत किया गया. जिसके बाद समिति ने बच्चे के पिता को बुलवाया. पिता ने बताया की ये उसकी दूसरी शादी है और लॉक डाउन के बाद से ही वो मुंबई रह रहा था और उसका बच्चा दिल्ली में उसकी पत्नी के साथ रह रहा था. हालांकि समिति के सामने बच्चे के पिता ने लिखित आश्वासन दिया कि वो बच्चे की सुरक्षा का ध्यान रखेगा और बच्चा मैंगलोर में अपने दादा दादी के पास रहेगा. इसके बाद समिति ने बच्चे को उसके पिता को दे दिया.
इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने CWC को पत्र लिखकर अफ़सोस जताया है कि न तो अब तक सौतेली माँ के ख़िलाफ़ FIR हुई है और उल्टा बिना जांच पड़ताल बच्चे को उसके पिता को सौंप दिया गया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि बच्चा अपने दादी के साथ रहना चाहता है पर उसको उसके पिता के साथ बिना किसी जांच पड़ताल के जाने देना कितना सही होगा जबकि पिता ने इतने महीनों तक बच्चे की सुध नही ली.
मालीवाल ने CWC से अनुरोध किया है कि मामले में सौतेली मां के खिलाफ एफआईआर कराई जाए और ये सुनिश्चित किया जाए की बच्चा सुरक्षित उसके दादी के पास मंगलूरु पहुंच जाए. साथ ही एक टीम गठित हो जो बच्चे की हर हफ्ते खबर ले. इसके साथ ही स्वाति ने एफआईआर के लिए पुलिस को भी नोटिस भेजा है. दिल्ली महिला आयोग अध्यक्षा स्वाति मालीवाल का कहना है कि यह मामला बहुत ज़्यादा संगीन और डराने वाला है, आयोग ने अपने कार्य क्षेत्र से बाहर जाते हुए छोटे बच्चे को बचाया. नन्हे से मासूम के साथ इस प्रकार की मारपीट और दुर्व्यवहार पूरी इंसानियत को शर्मसार करता है. इतने गंभीर मामले में भी एफआईआर न होना बहुत ही दुखदाई है, हम पुलिस को नोटिस भेज रहे हैं हर हाल में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.