अहमदाबाद ब्लास्ट केसः सज़ा-ए-मौत सुनाने के बाद जज बोले, इनको खुला छोड़ना आदमखोर तेंदुआ छोड़ने जैसा है
अहमदाबाद, साल 2008 में हुए बम धमाके के मामले में स्पेशल कोर्ट ने 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में 11 अन्य को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। मौत की सजा पाने वालों में पांच लोग उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाले हैं।
26 जुलाई 2008 में अहमदाबाद में सिलसिलेवार 18 बम धमाके हुए थे। इस मामले में अदलात ने कहा कि ये सभी 38 दोषी मौत की ही सजा के लायक हैं। बाकी दोषी भी कम खतरनाक नहीं हैं। इनका समाज में रहना आदमखोर तेंदुए को खुला छोड़ने जैसा है जो कि किसी को भी अपना शिकार बना सकते हैं। ये लोग बिना किसी रहम के बच्चे, बूढ़ों, महिलाओं को मार देते हैं। ये निर्दोषों की जान लेने वाले लोग आदमखोर हैं।
अदालत के फैसले की कॉपी जब वेबसाइट आई तो अंदर की बातों को पता चला। बता दें कि अहमदाबाद के बम धमाकों में 56 लोगों की मौत हो गई थी। कोर्ट ने पिछले साल तीन सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पांच महीने बाद यह फैसला सुनाया गया है।
कोर्ट ने कहा कि यह मामले दुर्लभ मामलों में से एक है। ऐसी आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को फांसी ही होनी चाहिए। ऐसे लोग देश में शांति और सौहार्द के लिए खतरा हैं।