प्रयागराज पुलिस ने हिंसा में शामिल अखलाक को गिरफ्तार किया, पूछताछ में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे
प्रयागराज. बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगम्बर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद 10 जून को जुमे की नमाज के बाद प्रयागराज समेत यूपी के कई शहरों में हिंसा हुई थी. हालांकि प्रयागराज पुलिस और प्रशासन ने बेहद सख्त एक्शन लेते हुए तीन-चार घंटे के अंदर स्थिति को काबू में कर लिया था. इससे पहले 3 जून को कानपुर में पत्थरबाजी और हिंसा देखने को मिली थी. वहीं, पुलिस को इस हिंसा में अखलाक को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है.
बता दें कि प्रयागराज पुलिस ने हिंसा और बवाल को लेकर करेली थाने में एक और खुल्दाबाद थाने में दो मुकदमे दर्ज कराए. वहीं, 80 से ज्यादा लोगों को नामजद और 5000 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की. अब तक इस मामले में मास्टरमाइंड जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप समेत 97 उपद्रवियों को जेल भेजा जा चुका है, जिसमें 7 नाबालिग बच्चे भी बाल संप्रेक्षण गृह भेजे गए हैं.
इस मामले में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर 59 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए गए थे, जिसके आधार पर उपद्रवियों की धरपकड़ जारी है. पुलिस ने 10 जून को जुमे की नमाज के बाद प्रयागराज में हुई हिंसा में नाबालिगों को पत्थरबाजी के लिए भड़काने में शामिल एक 42 वर्षीय अखलाक को गिरफ्तार किया है. वह मूल रूप से बारा थाना क्षेत्र के पडुवा गांव का रहने वाला है. एसएसपी अजय कुमार के मुताबिक, वह पिछले दो साल से अली मस्जिद, नियर चेतना ब्वायज में काम करता था. वह मस्जिद में साफ-सफाई और चंदे का रखरखाव करता था.
पूछताछ में हुए कई अहम खुलासे
वहीं, गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में अखलाक ने जो बातें बताईं उससे पुलिस के आला अधिकारियों के भी होश उड़ गए हैं. अखलाक के मुताबिक, 10 जून को जुमे की नमाज के बाद वह पूरी तैयारी के साथ बवाल करने के लिए ही आया था. वह अटाला में शहीद होने के लिए गया था और मरने मारने पर आमादा था. अखलाक के मुताबिक, उसके सिर पर शैतान सवार हो गया था. इसके साथ उसने खुलासा किया है कि मैंने पिछले 9 साल से दाढ़ी और बाल नहीं बनवाएं हैं. जबकि जुम्मे के दिन 10 जून को मेरा दिमाग एकदम गर्म हो गया था.
अखलाक के मुताबिक, जुमे की नमाज के बाद जब भीड़ नारेबाजी और प्रदर्शन कर रही थी. पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी माइक से जोर-जोर से भीड़ को शांत करा रहे थे और वापस जाने की अपील कर रहे थे, उससे उसका गुस्सा और भड़क रहा था. अधिकारी यह कह रहे थे कि भीड़ लगाने वाला यह तरीका ठीक नहीं है. सभी पर मुकदमा दर्ज होगा और जेल हो सकती है.
साथ ही बताया कि अधिकारियों की अपील के बाद वह उनके सामने आकर खड़ा हो गया और बोला कि कुछ भी कर लो हम वापस नहीं जाएंगे और हजारों का जुलूस बनाकर पूरे शहर में जाएंगे. हालांकि एसएसपी और पुलिस की टीमों ने उसे आगे नहीं बढ़ने दिया और गली के अंदर की ओर दौड़ाया. इसके बाद वह गली में पीछे की तरफ भाग कर लोगों को उकसाकर पथराव कराने लगा. पुलिस के मुताबिक, अखलाक ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है. वह सिर्फ आठवीं तक पढ़ा है, लेकिन उसके मंसूबे जानकर पुलिस के अधिकारी भी हैरान हैं. वह जुमे की नमाज के बाद संगम नगरी प्रयागराज में हिंसा फैलाना चाहता था और कत्लेआम देखना चाहता था.