मद्रास हाईकोर्ट का बड़ा आदेश- छापेमारी में देह व्यापार से जुड़े लोगों का न करें गिरफ्तार, फाइन लगाने पर भी रोक
दिल्ली: मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि संदिग्ध जगहों पर छापेमार की कार्रवाई के दौरान सेक्स वर्कर्स को गिरफ्तार न किया जाए. कोर्ट ने अपने पुलिसकर्मियों को यह भी आदेश दिया कि पकड़े जाने पर किसी भी तरह का जुर्माना उन पर न लगाया जाए. इस मामले पर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति को रिहा करते हुए उसके खिलाफ दायर किए गए केस को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.
शख्स ने याचिका दायर करते हुए कहा था कि उसे पुलिस ने ऐसी जगह पर मौजूद दिखाया था जहां पर अवैध रूप से सेक्स वर्कर्स को रखा गया था. मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एन सतीश कुमार ने कहा था कि मसाज पार्लर के नाम पर चल रही संबंधित जगह निश्चित तौर पर अवैध थी लेकिन इसे कोई और चलाता था.
कोर्ट ने कहा कि इसके लिए किसी और यानी याचिकाकर्ता को नहीं फंसाया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पर किसी सेक्स वर्कर से जबरन काम कराने का आरोप नहीं लगा है न ही उसने किसी को जबरजस्ती किसी को काम करने के लिए कहा है.
वहीं दूसरी तरफ याचि का कहना है कि पुलिस की तरफ से लगाए गए आरोपों के अनुसार अगर वह संबंधित जगह पर सेक्स वर्कर के पास गया भी था तो सुप्रीम कोर्ट ने उसके इस काम को स्वेच्छा से किए जाने पर अपराध नहीं करार दिया है. इसलिए उसे इस मामले में किसी भी तरह की सजा नहीं दी जा सकती. हाईकोर्ट ने उसकी याचिका को स्वीकार करके केस को रद्द करने के आदेश दे दिए हैं.