अमेठी , UP कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने दावा किया है कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। इसके साथ ही उन्होंने प्रियंका गांधी से वाराणसी से चुनाव लड़ने की गुजारिश की है। राय ने गुरुवार को ही पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला है। उन्होंने ये बातें वाराणसी में कहीं।
राय ने कहा- मैं राहुल गांधी का सिपाही हूं। अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस डंके की चोट पर जीतेगी। राहुल गांधी का संदेश घर-घर पहुंचाया जाएगा।
एयरपोर्ट पर जुटे हजारों लोगों ने उनका स्वागत किया। जुलूस निकालकर नारेबाजी की और कांग्रेस का झंडा लहराया। एयरपोर्ट से निकलते ही अजय राय ने कहा, ”अमेठी से आए सैकड़ों लोग राहुल गांधी की लोकप्रियता के गवाह हैं। अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी पर तंज कसते हुए कहा कि वह 13 रुपए में चीनी दिला रही थीं। अब 13 रुपए वाली चीनी कहां है?”
अजय राय ने कहा, ”प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर जमीनी कार्यकर्ताओं को महत्व देना, संगठन को क्रियाशील बनाना, दलितों, किसानों, महिलाओं, युवाओं और मध्यम वर्ग के लोगों को कांग्रेस से जोड़ना मेरा मुख्य लक्ष्य होगा। मेरा पहला लक्ष्य संगठन और लोकसभा चुनाव में पार्टी की शानदार वापसी को सुनिश्चित करना है।”
राहुल गांधी का सिपाही हूं, पूरे प्रण से लगूंगा
अजय राय ने कहा, ”मैं राहुल गांधी का सिपाही हूं। शीर्ष नेतृत्व की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा। कांग्रेस मेरे लिए सिर्फ पार्टी ही नहीं बल्कि मां के समान है। मैं पूरे प्रण और प्राण के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करूंगा।
उन्होंने कहा- अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस डंके की चोट पर जीतेगी। राहुल गांधी का संदेश घर-घर पहुंचाया जाएगा। प्रियंका गांधी के भी वाराणसी चुनाव लड़ने की चर्चा पर कहा कि अगर वह आती हैं तो एक-एक कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी जान लगा देगा।”
अमेठी से लगातार 3 बार सांसद रह चुके हैं राहुल
राहुल गांधी अमेठी से तीन बार सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस सांसद राहुल पहली बार 2004 में सांसद बने। इसके बाद 2009 और फिर 2014 में चुनाव जीते। 2009 में राहुल गांधी 3 लाख 50 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीते थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में BJP नेता स्मृति ईरानी ने राहुल को खुली चुनौती दी, लेकिन राहुल गांधी चुनाव जीत गए।
2014 में राहुल को 4 लाख 8 हजार 651 वोट मिले। जबकि स्मृति ईरानी को 3 लाख 748 वोट मिले। उन्होंने स्मृति को 1 लाख 7 हजार वोटों के अंतर से हराया था, लेकिन 2019 में राहुल चुनाव हार गए। स्मृति ईरानी की चुनौती के बाद वे अपना गढ़ नहीं बचा पाए।