अमृतपाल सिंह ने गिरफ्तारी से बचने के लिए बदल लिया हुलिया? पुलिस ने जारी की तस्वीरें
चंडीगढ़. खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पुलिस की गिरफ्तार से अब तक बाहर है. पंजाब पुलिस उसकी धरपकड़ की लगातार कोशिशें कर रही है. पुलिस को शक है कि अमृतपाल अपना हुलिया बदलकर भागा होगा. इसी वजह से पुलिस ने अमृतपाल की अलग-अलग वेशभूषा की तस्वीरें जारी की है. इसके साथ ही लोगों से अपील की है कि किसी को भी उसकी कोई जानकारी मिले तो तुरंत सूचित करे.
इस मामले पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से आज ही पंजाब पुलिस को फटकार लगी है. ऐसे में पंजाब पुलिस के महानिरिक्षक (IG) हेडक्वाटर सुखचैन सिंह गिल ने मंगलवार शाम अमृतपाल मामले पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके ये तस्वीरें जारी की हैं. मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब में मौजूदा हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं. राज्य में कोई भी अप्रिय घटना नहीं घटी है.
वहीं अमृतपाल सिंह द्वारा पुलिस को चकमा देकर बच निकलने के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ‘अमृतपाल जिस ब्रिजा कार में भागा था वो मिल गया है. उसने नंगल गुरुद्वारे में कपड़े बदलकर जीन्स पैंट पहना और फिर वहां से मोटरसाइकिल पर सवार होकर भागा.’
उन्होंने बताया, ‘अमृतपाल समेत तीन अन्य लोग बाइक पर सवार होकर फरार हो गए. अमृतपाल के साथ ब्रीजा कार में गुरुद्वारे गए तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि बाइक पर उसके साथ भागे लोगों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है.’
गिल ने अमृतपाल सिंह को भगाने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किए लोगों की पहचान मनप्रीत सिंह उर्फ मन्ना, गुरदीप सिंह उर्फ दीपा, हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी और गुरभेज सिंह उर्फ भेजा बताई है. उन्होंने कहा कि कार को जब्त कर लिया गया है और इसमें .315 बोर की एक राइफल, कुछ तलवारें तथा एक वॉकी-टॉकी सेट मिला है.
उन्होंने बताया कि इन चार लोगों पर आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा, ‘किसी को भी ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से गिरफ़्तार नहीं किया गया है. अगर कोई पकड़ा गया तो उसकी जानकारी दी जाएगी.’ इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ इसी महीने 18 मार्च को NSA लगाया जा चुका है. वहीं इस मामले में अब 154 लोगों गिरफ़्तार किया जा चुका है.
बता दें कि पुलिस ने शनिवार को अमृतपाल और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई शुरू की थी. हालांकि, इस उपदेशक ने पुलिस को चकमा दे दिया और जब जालंधर जिले में उसके काफिले को रोका गया तो वह पुलिस के जाल से बच गया.