इंस्टाग्राम पर मिला सस्ते में होटल बुकिंग का ऑफर, रिसेप्शन पर पहुंचते ही उड़े ग्राहक के होश
दिल्ली. वासु का मन लंबे समय से कहीं बाहर घूमने जाने के लिए कर रहा था. लेकिन जेब की तंगी कहीं न कहीं उसके इस अरमान के सामने रोड़ा बन रही थी. तभी एक दिन, वासु को एक अनजान नंबर से इंस्टाग्राम मैसेज आया. यह मैसेज बेहद रियायती कीमतों पर होटल के इश्तियार का था. इश्तियार भेजने वाले ने महज 4900 रुपए में मदुरै के आईटीसी फॉर्च्यून होटल में रूम ऑफर किया था.
इस इश्तिहार को देखकर वासु की आखों में चमक आ गई. उसे लगा कि इश्तियार में बताई गई कीमतों पर होटल रूम मिल जाता है तो ‘हींग लगे न फिटकरी-रंग आए चोखा’ जैसी बात हो जाएगी. उसने बिना देर किए अपना मोबाइल फोन उठाया और इश्तियार में दिए नंबर का कॉल कर दिया. कुछ घंटियों के बाद फोन उठा और फोन उठाने वाले शख्स से वह सभी बातें दोहरा दीं, जो इश्तिहार में पहले से लिखी हुई थी.
इस शख्स के बात करने का तरीका इतना प्रभावशाली था कि वासु के मन में कोई शक-सवाल नहीं बचे. कॉल पर दूसरी तरफ मौजूद शख्स से पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद वासु ने मुदरै के आईटीसी फॉर्च्यून होटल में रूम बुरने के लिए कह दिया. साथ ही, उसने बिना 4900 रुपए का यूपीआई पेमेंट भी कर दिया. होटल बुकिंग के बाद वासु ने अपनी ट्रैवेल टिकट बुक की और तय दिन पर मुदरै के लिए रवाना हो गया.
मुदरै पहुंचने के बाद वासु अब आईटीसी फॉर्च्यून होटल के बाहर खड़ा था. होटल की आलीशान इमारत को देखकर वासु ने मन ही मन कहा कि इतने ऑलीशान होटल में महज 4900 रुपए में रूम मिलना किसी लॉटरी लगने जैसा है. वासु खुद से कुछ इसी तरह बाते कहता हुआ अब होटल के रिशेप्शन तक पहुंच गया था. उसने होटल रिशेप्शन पर मौजूद अपने स्टाफ को अपनी बुकिंग डिटेल दिखाकर रूम-की मांगी.
इसके बाद, होटल रिशेप्सनिस्ट का जो जवाब आया, उसे सुनकर वासु के पैरों तले जमीन खिसक गई. होटल रिशेप्सनिस्ट ने उससे कहा- सॉरी सर, आपके नाम की कोई बुकिंग हमारे होटल में नहीं हैं और न ही हमारी तरफ से इस तरह का कोई ऑफर है. वासु काफी देर तक होटल स्टाफ से बहस करता रहा, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. अंत में, वासु को समझ में आ गया कि वह ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गया है.
इस बात का आभास होते ही उसने तुरंत अपना मोबाइल निकाला और मोबाइल से ऑनलाइन शिकायत दिल्ली पुलिस की रोहिणी जिला साइबर क्राइम में दर्ज करा दी. शिकायत मिलते ही साइबर क्राइम टीम एक्शन में आ गई. दिल्ली पुलिस की एक टीम ने वासु से संपर्क किया और पूरी घटना की सिलसिलेवार जानकारी हासिल की. इसके बाद, इंस्पेक्टर अजय दलाल के नेतृत्व में साइबर पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने में जुट गई.
मास्टर माइंड की मदुरै से हुई गिरफ्तारी
साइबर पुलिस टीम को मनी ट्रेल के जरिए जल्द ही पता चल गया कि वासु के साथ ठगी करने वाले ठग चंडीगढ़ में बैठे हुए हैं. आनन-फानन दिल्ली पुलिस की एक टीम चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गई. स्थानीय पुलिस की मदद से पहले आरोपी की पहचान सुनिश्चित की गई और फिर मौका मिलते ही उसे धरदबोचा गया. पूछताछ में आरोपी युवराज ने वासु जैसे करीब एक दर्जन लोगों के साथ धोखाधड़ी की बात कबूल की है.