खुर्जा में पहले दिन मां शैलपुत्री का हुआ पूजन
खुर्जा : श्री नव दुर्गा शक्ति मंदिर पुराना जीटी रोड खुर्जा पर श्री चैत्र मास नवरात्रि महोत्सव बुधवार से पूरी धूमधाम के साथ प्रारंभ हुआ। महोत्सव के प्रथम दिन माता रानी की पूजा अर्चना शैलपुत्री के रूप में की गई जिन्हें सफेद रंग की पोशाक धारण कराकर देसी घी का भोग लगाया गया।
मंदिर के मुख्य पुजारी नंदकिशोर शर्मा ने बताया कि माता शैलपुत्री का वाहन बैल होता है उन्होंने बताया कि मां दुर्गा को सर्वप्रथम शैलपुत्री के रूप में पूजा जाता है। हिमालय के वहां पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण उनका नामकरण हुआ शैलपुत्री। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी ने दाएं हाथ में त्रिशूल धारण कर रखा है और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है। यही देवी प्रथम दुर्गा हैं।
माता सती की है कहानी
ये ही सती के नाम से भी जानी जाती है। एक बार जब प्रजापति ने यज्ञ किया तो इसमें सारे देवताओं को निमंत्रित किया, भगवान शंकर को नहीं। सती यज्ञ में जाने के लिए विकल हो उठीं। शंकरजी ने कहा कि सारे देवताओं को निमंत्रित किया गया है। ऐसे में वहां जाना उचित नहीं है। सती का प्रबल आग्रह देखकर शंकरजी ने उन्हें यज्ञ में जाने की अनुमति दे दी। सती जब घर पहुंचीं तो सिर्फ मां ने ही उन्हें स्नेह दिया। दक्ष ने भी उनके प्रति अपमानजनक वचन कहे।
वे अपने पति का यह अपमान न सह सकीं और योगाग्नि द्वारा अपने को जलाकर भस्म कर लिया। यही सती अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्मीं और शैलपुत्री कहलाईं। पार्वती और हेमवती भी इसी देवी के अन्य नाम हैं। शैलपुत्री का विवाह भी भगवान शंकर से हुआ। सचिव रोहित अग्रवाल ने बताया कि श्री चैत्र मास नवरात्र महोत्सव की मंदिर में तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं।
दोपहर को महिला संकीर्तन व शाम को संकीर्तन मंडली अपने कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगी। व्यवस्थाओं में प्रधान संजय वर्मा उप प्रधान देवेश कौशिक, सचिव रोहित अग्रवाल सह सचिव निमिष कुमार गर्ग सजल वर्मा कोषाध्यक्ष अजय कुमार के अलावा महेश भार्गव राकेश बंसल विकास वर्मा राजकुमार गिरी धर्मेंद्र सिंह प्रमोद वर्मा तिलोकचंद रहे।