रेसलर vs WFI विवाद: हमारी महिला एथलीटों की सुरक्षा अहम : CM मनोहर लाल खट्टर
पंचकुला: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारी महिला एथलीटों की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है और हम इसे गंभीरता से लेते हैं. हम उनका मनोबल कम नहीं होने देंगे. ऐसी घटनाओं से हमारी महिला खिलाड़ियों खास तौर से बेटियों का मनोबल टूटता है. महिला खिलाड़ी जो हमारी बेटियां हैं, उनकी सुरक्षा बहुत जरूरी है. हमारे पास इस प्रकार की कोई शिकायत पहले नहीं आई. कोई भी शिकायत आएगी तो संज्ञान लेंगे. खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए जो भी आवश्यकता होगी, उसे जरूर करेंगे. एथलीटों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को गंभीरता से लिया जाएगा. भारत सरकार और खेल विभाग इस मुद्दे पर संज्ञान लेगा. केंद्रीय खेल मंत्रालय ने नोटिस लिया है और WFI को 72 घंटे में जवाब देने के लिए कहा है.
आपको बता दें कि कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह, जो रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी हैं, उनके खिलाफ बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत देश के कुछ अन्य शीर्ष पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इन एथलीटों ने WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण करने और मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी पहलवानों के पक्ष में उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि कल का दिन खेल जगत के इतिहास में एक काले दिन के रूप में याद रखा जाएगा. देश में कल से आजतक जो यह घटनाक्रम चल रहा है, यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं है.
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा- इससे ज्यादा गंभीर संकट खेल जगत पर देश के इतिहास में कभी नहीं आया. हमारे देश की शान हैं हमारे खिलाड़ी. हमारे पहलवानों ने लगातार भारत का नाम दुनिया में रोशन करने का नाम किया है. पिछले 20 साल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक मेडल कुश्ती के अंदर आए, खिलाड़ी चाहे किसी भी प्रदेश से हों. जिन्होंने देश का मान सम्मान बढ़ाया आज उनके साथ ऐसा हो रहा है. हम सड़क से संसद तक खिलाड़ियों के साथ हैं. सरकार की चुप्पी देश के हर नागरिक के दिल में चुभ रही है. हमारी मांग है की तुरंत खिलाड़ियों का मान सम्मान को वापस लौटाया जाए. कुश्ती संघ को बर्खास्त किया जाए. पूरे मामले की जांच हो और कानूनी कार्रवाई की जाए. इस बीच धरना दे रहे पहलवान खेल मंत्रालय पहुंचे हैं, जहां संबंधित अधिकारियों से उनकी बातचीत हो रही है.