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उच्च न्यायालय से बड़ी राहत, विधायक सिंगार के विरुद्ध दर्ज प्रकरण निरस्त

धार/गंधवानी (सुनिल निगवाल), विधायक एवं पूर्व मंत्री उमंग सिंगार को एक बार फिर उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली हैं, चुनाव के दौरान सिंगार पर आबकारी एक्ट में प्रकरण दर्ज किया था जिसे उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त किया गया हैं। आपको बता दे की पुलिस थाना गंधवानी में चुनाव के दौरान 09.11.2023 को प्रथम सूचना रिपोर्ट मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम, धारा 34 (2) तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 तथा भारतीय दंड सहित धारा 171-B, 188 एवं 120-बी के तहत दर्ज किया गया था। उक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट को विधायक उमंग सिंगार द्वारा दिनांक 09.11.2023 को ही मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ जबलपुर के समक्ष याचिका प्रस्तुत कर चुनौती दी गई थी। माननीय न्यायालय द्वारा उक्त प्रकरण की अंतिम सुनवाई दिनांक 30.11.2023 को की गयी जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल द्वारा तथा राज्य की ओर से महाधिवक्ता रूपरा द्वारा पैरवी की गई थी। न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 30.11.2023 द्वारा पारित करते हुए उक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट को पूर्ण रूप से निरस्त कर दिया गया है।

उक्त आदेश के आने के बाद विधायक उमंग सिंगार के विरुद्ध दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट को राजनीतिक दृष्टि से भी देखा जा रहा है। विधायक उमंग सिंगार के विरुद्ध प्रशासन द्वारा पूर्व में भी कई प्रकरण दर्ज किया गए थे परंतु सभी प्रकरणों में विधायक उमंग सिंगर को न्यायालय का सहारा प्राप्त हुआ तथा सभी प्रकरण निरस्त कर दिए गए।राजनीतिक गलियारों में भी यह चर्चा हो रही है के प्रशासन द्वारा लगातार उमंग सिंगार को निशाने पर लिया जा रहा है परंतु हर बार उमंग सिंगार शासन के बिछाए हुए जाल को भेद कर अपना राजनीतिक कद बढ़ा देते हैं।

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