बदायूं की फैक्ट्री में 100 धमाके, नाइट्रोजन सिलेंडर में ब्लास्ट
यूपी के बदायूं में तेज आंधी से मेंथा फैक्ट्री की चिमनी गिरने से आग लग गई। पलभर में आग ने विकराल रूप ले लिया। फिर वहां रखे नाइट्रोजन सिलेंडर फटने लगे। एक-एक करके करीब 100 सिलेंडर फटे। फैक्ट्री के लोहे के टावर मोम की तरह पिघलकर गिरने लगे। धमाकों से गांव के लोगों में दहशत फैल गई।
लोग बाइक और कार से अपने-अपने परिवार को लेकर भाग गए। जिस वक्त घटना हुई, उस समय फैक्ट्री में 200 से ज्यादा मजदूर काम कर रहे थे। सभी ने भागकर जान बचाई। हालांकि, एक मजदूर का पता नहीं चला है।
आग इतनी भयावह थी कि 60 फीट ऊपर तक लपटें उठती रहीं। 3 किमी दूर से धुएं का गुबार दिखाई पड़ रहा था। रात साढ़े 10 बजे से लगी आग पर अब तक काबू नहीं पाया जा सका है। सिर्फ 60 फीसदी आग बुझी है। 100 से ज्यादा फायर ब्रिगेड कर्मी आग बुझाने में लगे हैं।
हालांकि, हादसे में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। फैक्ट्री जिला मुख्यालय से 18 किमी दूर कुड़ा नरसिंहपुर गांव में है।
दिल्ली-बदायूं हाईवे पर उझानी कस्बे के किनारे मनोज गोयल की भारत मिंट एंड एलाइड केमिकल्स नाम से मेंथा फैक्ट्री है। फैक्ट्री के आसपास रिहाइशी बस्ती है। इसमें 6 गांव हैं। कुल आबादी करीब 20 हजार है। कुड़ा नरसिंहपुर गांव फैक्ट्री से सबसे सटा है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है- रात में तेज आंधी चल रही थी। अचानक फैक्ट्री की 150 फीट ऊंची चिमनी गिर गई। जिससे फैक्ट्री में आग लग गई। अंदर काम कर रहे मजदूर चिल्लाते हुए भागने लगे।इसके बाद हम लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन नाइट्रोजन के सिलेंडरों में विस्फोट शुरू हो गए। इसके चलते किसी की भी आग बुझाने की हिम्मत नहीं हुई। फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई।
फायर ब्रिगेड की 3-4 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने में जुट गईं, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद बरेली, मुरादाबाद, संभल और बदायूं से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाई गईं। लेकिन आग इतनी भीषण थी कि टीमें फैक्ट्री के अंदर घुस नहीं पाईं और बाहर से ही आग बुझाने का प्रयास करती रहीं।
घटना की सूचना पर पुलिस टीम पहुंची, फिर पीएसी को भी बुलाया गया। आनन-फानन में फैक्ट्री से सटे कुड़ा नरसिंहपुर गांव को खाली कराया। इसके अलावा, दिल्ली हाईवे पर यातायात पूरी तरह रोक दिया गया। मुजरिया के तरफ से यातायात को डायवर्ट कर दिया।
गुरुवार सुबह करीब 5 बजे अचानक फिर धमाका हुआ। इसके बाद आसपास के गांवों में दहशत फैल गई। लोग अपने-अपने घर छोड़कर जाने लगे। पुलिस ने लोगों से कहा- डरने की कोई बात नहीं, जल्द ही आग पर काबू पा लिया जाएगा। लेकिन लोग इतने डर गए थे कि पुलिस के समझाने के बाद भाग गए।
बदायूं सिटी फायर स्टेशन के FSSO शैलेंद्र सिंह ने बताया-
जब हम लोग पहुंचे तो फैक्ट्री खाली थी, लोग बाहर निकल चुके थे। किस वजह से आग लगी, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। फैक्ट्री में मैंथा ऑयल के ड्रम रखे हुए थे। साथ ही नाइट्रोजन के सिलेंडर भी थे। इसी कारण एक के बाद एक धमाके हुए। अब तक 60 प्रतिशत आग पर काबू पाया जा चुका है। शाम तक पूरी तरह से आग बुझा ली जाएगी। फिलहाल, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।”
पुलिस का कहना है- राजकीय मेडिकल कॉलेज को अलर्ट पर रखा गया है। 100 बेड रिजर्व रखे गए हैं। इसके अलावा 25 एंबुलेंस मौके पर मौजूद हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर घायलों का तत्काल इलाज हो सके। मुजरिया निवासी मुनेंद्र हादसे के बाद से लापता है। उसके दो भाई बाहर निकल आए।
डीएम अवनीश राय ने बताया – फैक्ट्री से सभी लेबर समय रहते बाहर निकल गए। अब तक किसी जनहानि की सूचना नहीं है। आग लगने के प्राथमिक कारणों का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, यहां हाइड्रोजन रॉ मैटेरियल के रूप में इस्तेमाल हो रहा था।
एक टैंकर भी था, जो संभवतः ब्लास्ट हो गया। चूंकि यह ज्वलनशील पदार्थ होता है, इसलिए आग को नियंत्रण में करने में अधिक समय लगा। एक मजदूर के लापता होने की सूचना है, जिसे मलबा हटने के बाद ही स्पष्ट किया जा सकेगा। इसके बाद ही कुल नुकसान का आकलन संभव होगा। अगर किसी की जान गई है, तो नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।