बरेली में 10वीं पास ने बना दिए 650 फर्जी आधार
बरेली में फर्जी दस्तावेज बनाने वाला अंतरराज्यीय गैंग पकड़ा गया है। दो युवक पिछले एक साल से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति, आय प्रमाण पत्र बना रहे थे।
पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर जनसेवा केंद्र पर छापा मारकर बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। इनका नेटवर्क 4 राज्यों में फैला था। जिसमें से 650 तो केवल फर्जी आधार कार्ड शामिल हैं।
इसके लिए तुर्की और इजिप्ट की वेबसाइट का उपयोग करते थे। पूरा मामला बरेली के भोजीपुरा थाने के पचदौरा दोहरिया स्थित अजहरी जनसेवा केंद्र का है।
एक साल से चल रहा था फर्जीवाड़े का अड्डा
भोजीपुरा थाना क्षेत्र के पचदौरा दोहरिया में मोहम्मद फहीम उर्फ गुड्डू और जियाउल मुस्तफा, अजहरी जनसेवा एवं आधार कार्ड केंद्र चला रहे थे। इस केंद्र पर सभी तरह के फर्जी डॉक्यूमेंट्स तैयार होते थे।
शुक्रवार को भोजीपुरा थाने की पुलिस ने छापा मारा। दोनों आरोपियों ने पुलिस को देखते ही भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।
इजिप्ट-तुर्की से डोमेन लेकर बनाते थे फर्जी आधार कार्ड
आरोपी फहीम ने पुलिस को बताया, हम लोग इजिप्ट और तुर्की से डोमेन खरीदते थे। जिसमें वह manualorg.space साइट से एक बार में 100 रुपए का रिचार्ज करवाते थे। फिर उस फर्जी डोमेन के माघ्यम से एक बार में 10 आधार कार्ड तैयार करते थे।
यह लोग ग्राहक से एक आधार कार्ड की कीमत 1000 रुपए लेते थे। इस डोमेन से एक मिनट से भी कम समय में आधार कार्ड बनकर तैयार हो जाता है। ये कार्ड इतने असली लगते हैं कि असली और नकली का फर्क कर पाना मुश्किल होता है।
मार्कशीट से लेकर प्रमाणपत्र तक सब फर्जी पुलिस के अनुसार ये लोग यूपी बोर्ड, बिहार बोर्ड, झारखंड बोर्ड की मार्कशीट भी तैयार करते थे। इन राज्यों के लोग इनके पास आधार कार्ड, मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र बनवाने आते थे। देश के कई राज्यों में मोहम्मद फहीम उर्फ गुड्डू और जियाउल मुस्तफा का नेटवर्क फैला हुआ था।
650 से अधिक आधार कार्ड बना चुके थे फहीम ने पुलिस को बताया, अब तक हम लोगों ने 650 आधार कार्ड बनाए हैं। उसने बताया कि हमारा कई राज्यों में अपना नेटवर्क है। अगर कोई दुकान पर नहीं आ पाता है तो वह आँनलाइन पैसे और फोटो भेजकर हम उनके कागजात तैयार कर देते थे। जिससे लोगों को घर बैठे कागजात मिल जाते थे। जिसके कारण ग्राहक अधिक पैसा देने के लिए तैयार रहते थे। उसका दावा है कि हमारे बनाए कागज कहीं भी लगाओ कभी पकड़े नहीं जाएंगे।
सस्पेंड होने के बाद फहीम ने अपना आधार कार्ड जनसेवा केंद्र खोल लिया। जहां उसने जियाउल मुस्तफा को भी साथ रख लिया। फिर दोनों मिलकर फर्जी डॉक्यूमेंट बनाने का काम करने लगे। इससे ये लोग हर महीने लाखों रुपए कमाने लगे। जियाउल मुस्तफा ने इंटर के बाद नीट की तैयारी की थी। पिछले 6 महीने से वह जनसेवा केंद्र चला रहा था, जबकि मोहम्मद फहीम हाई स्कूल पास है।’एसपी नॉर्थ मुकेश चंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अंतरराज्यीय गैंग का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि भोजीपुरा थाना के प्रभारी निरीक्षक प्रवीण सोलंकी, एसओजी प्रभारी देवेंद्र सिंह धामा, इंस्पेक्टर क्राइम धर्मेश कुमार ने थाने की पुलिस के साथ छापा मारकर इस बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है।