धनतेरस पर 3 अद्भुत संयोग… करें इस देवता की पूजा!
वाराणसी : दिवाली (Diwali) से पहले धनतेरस (Dhanteras) का महापर्व मनाया जाता है. इस दिन खरीदारी का अपना विशेष महत्व है. हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार इस खास दिन पर ‘धन की देवी’ माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाती है. सुख-समृद्धि के प्राप्ति के लिए यह दिन बेहद खास होता है. इस दिन लक्ष्मी-गणेश के साथ भगवान धन्वंतरि के भी पूजा का शास्त्रीय विधान है.
हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को धन्वंतरि देवता की पूजा की जाती है. शास्त्रों में धन्वंतरि को ‘आयुर्वेद का जनक’ माना जाता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत और औशधियों के साथ प्रकट हुए थे. इन्हें भगवान विष्णु का रूप भी मानते है. साल में सिर्फ एक दिन धन त्रयोदशी को इनकी पूजा होती है
.
जड़ी-बूटियों के साथ करें हवन
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर पंडित सुभाष पाण्डेय ने बताया कि धन त्रयोदशी तिथि पर धन्वंतरि की पूजा से अयोग्यता का वरदान मिलता है. इस लिए इस दिन पूजा और फिर उसके बाद हवन करना चाहिए. हवन में जड़ी-बूटियों का प्रयोग भी जरूर करना चाहिए. इससे सभी तरह के रोग और बाधाओं से मुक्ति मिलती है.
धनतेरस पर 3 अद्भुत संयोग
इस बार धनतेरस 18 अक्टूबर को है. वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार इस दिन कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं. इस दिन त्रिपुष्कर योग के साथ इंद्र योग और ब्रह्म योग का अद्भुत संयोग है. ज्योतिष गणना के अनुसार त्रिपुष्कर योग 18 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 31 मिनट पर शुरू हो रहा है जो 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. वहीं इंद्र योग की शुरुआत सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर हो रही है.
धनतेरस के दिन शाम के समय धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. इस दौरान माता लक्ष्मी को नया वस्त्र, धान का लावा और मिठाई जरूर अर्पण करना चाहिए. इसके अलावा उनके समक्ष धन भी रखना चाहिए बाद में इस धन को तिजोरी में पूरे साल संभालकर रखना चाहिए.