बुलंदशहर से 5 पाकिस्तानी सरहद पार भेजे गए
बुलंदशहर , जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 27 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के विजिटर वीजा रद्द कर दिए हैं। इसके चलते बुलंदशहर से 5 पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा गया है।
ये सभी पाकिस्तानी नागरिक 30 और 40 दिन के विजिटर वीजा पर अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे। वीजा रद्द होने की सूचना मिलते ही वे बुलंदशहर एलआईयू दफ्तर पहुंचे और अटारी बॉर्डर की ओर रवाना हो गए।
मुल्क वापसी के दौरान एलआईयू ऑफिस में महिला पाक नागरिक रोने लगीं। वहां मौजूद एक शख्स ने उन्हें दिलासा दिया। कहा, आप परेशान न हों, जब माहौल ठीक हो जाएगा तो दोबारा लाएंगे आपको। इस पर महिला पाक नागरिक बोलीं- अब बहुत मुश्किल है। 12 साल बाद तो आने का मौका मिला था। अब, फिर पता नहीं कब मौका मिले। इनमें खानुम 22 अप्रैल को नरसैना के चंदीयाना गांव आई थीं। यहां उनके भाई रहते हैं। वहीं स्याना में नसाबा 11 अप्रैल को आई थीं। मरियम 24 फरवरी को खुर्जा और रुदाबा 27 मार्च को बुलंदशहर आई थीं। बुलंदशहर में 18 पाकिस्तानी नागरिक लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे हैं।
ये सभी भारतीयों से विवाह कर चुके हैं और भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर रखा है। पुलिस और प्रशासन इनकी नियमित निगरानी कर रहे हैं। एसएसपी दिनेश कुमार सिंह के अनुसार, सरकारी आदेश के बाद पाकिस्तानी नागरिक स्वयं डिपोर्ट की प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं। वीजा नियमों के अनुसार ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए वे सरहद पार जा रहे हैं। नसाबा खान ने बताया वह 11 अप्रैल को स्याना में कोतवाली के सामने स्थित अपनी मां और भाई के घर आई थीं। जब उनके पिता जीवित थे, तब वह हर साल मायके आती थीं, लेकिन अब लगभग 6 साल बाद आई हैं।
नसाबा की शादी पाकिस्तान के कराची स्थित गुलशन-ए-पार्क में हुई थी। उन्होंने कहा कि यदि एक या दो साल में वीजा मिल जाए, तो वह अपने मायके वालों से मिलने आ सकती हैं।
जम्मू में हिंदू पर्यटकों की हत्या के सवाल पर नशाबा ने कहा हत्या किसी की भी हो, वह गलत है। सरकार के निर्देश पर नशाबा को स्याना से वापस भेज दिया गया।