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14 साल बाद 41 हजार से ज्यादा होमगार्ड पदों पर होगी भर्ती

यूपी में 41 हजार से ज्यादा होमगार्ड पदों पर भर्ती शुरू होने जा रही है। सरकार ने इसका आदेश जारी करते हुए यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को प्रक्रिया शुरू करने की जिम्मेदारी सौंपी है। प्रमुख सचिव होमगार्ड राजेश कुमार सिंह के अनुसार, जिलों से खाली पदों की डिटेल मिलने के बाद एनरोलमेंट (रजिस्ट्रेशन) की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद लिखित परीक्षा होगी और मेरिट के आधार पर सिलेक्शन किया जाएगा।

वर्तमान में प्रदेश में होमगार्ड के 1.18 लाख स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 71 हजार पर ही तैनाती है। सीएम योगी ने जून में बड़े पैमाने पर भर्ती के निर्देश दिए थे।

सवाल यह है कि कितने साल बाद ये भर्ती आ रही? परीक्षा पैटर्न क्या होगा? पात्रता और शैक्षिक योग्यता क्या है? सिलेक्टेड अभ्यर्थियों को कितना मानदेय मिलेगा? भुगतान किस आधार पर होगा?

यूपी में होमगार्ड विभाग में बड़े पैमाने पर भर्ती करीब 14 साल बाद होने जा रही है। पिछली बार इस स्तर पर भर्ती 2011 के आसपास हुई थी। उसके बाद से सिर्फ सीमित संख्या में एनरोलमेंट हुए। लेकिन, 41,424 हजार से ज्यादा पदों पर इतनी बड़ी वैकेंसी पहली बार निकाली जा रही है।

भर्ती की नई नियमावली में पात्रता, शैक्षिक योग्यता, आयु सीमा और चयन प्रक्रिया के मानक साफ किए गए हैं। एनरोलमेंट साल के मध्य में यानी 1 जुलाई को जो रिक्तियां रहेंगी, उसके आधार पर भर्ती की जाएगी। इसमें आरक्षण नियमों का पालन किया जाएगा।

यूपी होमगार्ड में इस बार 2 बदलाव हुए हैं। इस बार यूपी में 41 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती कराने की जिम्मेदारी यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) को दी गई है। दूसरा यह फाइनल हो गया है कि 10वीं पास अभ्यर्थी इस भर्ती में फॉर्म भर पाएंगे।

शासनादेश के अनुसार, लिखित परीक्षा 100 नंबर की होगी। इसमें 100 ऑब्जेक्टिव सवाल पूछे जाएंगे। 2 घंटे की परीक्षा होगी। इसमें सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान के सवाल पूछे जाएंगे। परीक्षा का पाठ्यक्रम UPPRPB तय करेगा।

पहले होमगार्ड में भर्ती के लिए औपचारिक लिखित परीक्षा नहीं होती थी। सिलेक्शन प्रक्रिया मुख्य रूप से शारीरिक दक्षता परीक्षण (PET) और दस्तावेज सत्यापन पर आधारित होती थी। क्या है पात्रता और शैक्षिक योग्यता?

  • अभ्यर्थी को उसी जनपद का मूल निवासी होना अनिवार्य है, जिस जिले के लिए आवेदन किया गया है।
  • शैक्षिक योग्यता 10वीं पास या उसके समकक्ष है। 10वीं परीक्षा में शामिल हुए या होने वाले अभ्यर्थी पात्र नहीं होंगे।
  • सरकारी/अर्द्धशासकीय सेवा में नियमित रूप से कार्यरत व्यक्ति पात्र नहीं होंगे।
  • किसी कोर्ट में आपराधिक मुकदमा विचाराधीन होने की स्थिति में अभ्यर्थी पात्र नहीं होंगे।
  • उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 18 और अधिकतम 30 साल निर्धारित की गई है। आयु की गणना एनरोलमेंट वाले साल की 1 जुलाई को आधार मानकर की जाएगी।
  • संभावित है कि ओबीसी को 3 साल, एससी-एसटी को 5 साल समेत आरक्षित वर्गों को अधिकतम आयु सीमा में नियमानुसार छूट मिलेगी। यह छूट केवल यूपी के मूल निवासी उम्मीदवारों पर ही लागू होगी।

क्या होंगे शारीरिक मानक?

  • फिजिकल टेस्ट में पास होने के लिए पुरुष और महिला अभ्यर्थियों को निर्धारित समय सीमा में दौड़ पूरी करनी होगी।
  • पुरुष अभ्यर्थी: 4.8 किलोमीटर की दौड़ 28 मिनट में पूरी करनी होगी।
  • महिला अभ्यर्थी: 2.4 किलोमीटर की दौड़ 16 मिनट में पूरी करनी होगी।
  • निर्धारित समय के भीतर दौड़ पूरी नहीं करने वाले अभ्यर्थी एनरोलमेंट के लिए अयोग्य माने जाएंगे।

कैसे होगा सिलेक्शन

लिखित परीक्षा में मिले अंकों, एनसीसी (1-3), स्काउट एवं गाइड प्रमाण पत्र (2-5), आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण (3) या वैध ड्राइविंग लाइसेंस (1) जैसी वरीयता योग्यताओं के लिए अतिरिक्त अंकों के आधार पर मेरिट सूची बनाई जाएगी।

आरक्षण मानदंडों और उपलब्ध रिक्तियों की संख्या के आधार पर अभ्यर्थियों को जिलावार सूचीबद्ध किया जाएगा।

चयन होने के बाद कितना मानदेय मिलेगा? होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति बताते हैं- यूपी में होमगार्डों को प्रतिदिन के आधार पर मानदेय (ड्यूटी अलाउंस) दिया जाता है। वर्तमान में होमगार्ड स्वयंसेवक को 900 रुपए से ज्यादा प्रतिदिन (नियमित ड्यूटी के अनुसार) मानदेय मिलता है। इसके साथ ही नियमानुसार यातायात भत्ता, वर्दी भत्ता और भोजन भत्ता भी दिया जाता है।

मानदेय का भुगतान महीने के अनुसार किया जाता है। साथ ही ड्यूटी के दिनों के आधार पर राशि तय होती है। जितने दिन ड्यूटी लगती है, उसी हिसाब से भुगतान किया जाता है। हालांकि, 2017 से पहले इनको ड्यूटी रोज नहीं मिलती थी। लेकिन, सीएम योगी के आने के बाद बदलाव हुआ और अब होमगार्डों की डेली ड्यूटी लगती है।

मंत्री धर्मवीर प्रजापति का कहना है कि पहले ट्रेनिंग भत्ता 260 रुपए था, लेकिन अब ट्रेनिंग भत्ता और डेली भत्ता समान है। पहले अंतर जनपदीय जिले में 30 रुपए मिलते थे, लेकिन अब 120 रुपए मिलते हैं। साथ ही वर्दी भत्ता सीधे इनके खाते में जाता है, ड्यूटी ऑनलाइन लगती है।

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