अलीगढ़ : डीएलएड का पेपर लीक करने वाले दो सगे भाई गिरफ्तार
डीएलएड परीक्षा के प्रश्नपत्र आउट करने वाले दो सगे भाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया है। लखनऊ एसटीएफ की टीम ने अलीगढ़ पहुंचकर दोनों आरोपियों को दबोचा है। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। दोनों आरोपियों को इगलास थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है।
एसटीएफ ने इगलास पुलिस के साथ संयुक्त रूप से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। गिरफ्तार आरोपियों में से एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत है। आरोपी परीक्षा से पहले ही पेपर लीक कर देते थे और इसके बदले परीक्षार्थियों से पैसे वसूलते थे। इस संबंध में सूचना एसटीएफ को मिली थी।
डीएलएड परीक्षा 2 नवंबर को आयोजित की गई थी। पहले और तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा के प्रश्नपत्रों को आरोपियों ने परीक्षा से पहले ही लीक कर दिया था और इसके एवज में मोटी रकम वसूली थी। लखनऊ एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि आरोपी अलीगढ़ के इगलास क्षेत्र में छिपे हुए हैं।
इस सूचना पर एसटीएफ की टीम अलीगढ़ पहुंची। सीओ इगलास महेश कुमार के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम का गठन किया गया। एसटीएफ और इगलास पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए इगलास के नगला हरिकरना भरतपुर निवासी पुष्पेंद्र और उसके सगे भाई धर्मेंद्र को गिरफ्तार कर लिया।
पेपर लीक प्रकरण की जानकारी मिलने के बाद लखनऊ एसटीएफ जांच कर रही थी। इसी दौरान पता चला कि गैंग के दो सदस्य अलीगढ़ में मौजूद हैं। इसके बाद टीम ने दोनों आरोपियों को मथुरा रोड स्थित मुरसान रोड तिराहे के पास से सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने पेपर लीक करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया था। सोशल मीडिया के जरिए आरोपियों ने अभ्यर्थियों को पेपर भेजे और यूपीआई पेमेंट के माध्यम से पैसे वसूले। आरोपियों के मोबाइल में इन लेन-देन का पूरा रिकॉर्ड मिला है। दोनों के खिलाफ इगलास थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपियों से कई घंटे तक पूछताछ की। उनके पास से मिले मोबाइल और लैपटॉप की गहन जांच की गई। जांच में सामने आया कि आरोपियों के फोन में कई सोशल मीडिया ग्रुप हैं, जिनमें सैकड़ों लोग जुड़े हुए हैं। इन्हीं ग्रुपों के जरिए पेपर लीक किए जाते थे।
आरोपियों के फोन से एक लाख रुपये के लेन-देन का रिकॉर्ड मिला है। साथ ही यह भी खुलासा हुआ कि वे अभ्यर्थियों को पास कराने का झांसा देकर उनसे और भी पैसे वसूलते थे। साइबर टीम मोबाइल डेटा की जांच कर रही है ताकि डिलीट की गई फाइलों को रिकवर किया जा सके।
पूछताछ में सामने आया कि गिरफ्तार धर्मेंद्र ताहरपुर स्थित प्रेम एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में शिक्षक था। इसके अलावा वह डीएलएड और बीटीसी संघ का जिलाध्यक्ष भी था, जिसके चलते उसका कई अधिकारियों से संपर्क था और वह आसानी से विभिन्न स्थानों पर आ-जा सकता था। आरोपियों को परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र मिल जाते थे, जिन्हें वे मोटी रकम में बेचते थे। गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश के लिए पुलिस की कई टीमें जांच में जुटी हैं।
सीओ महेश कुमार ने बताया कि लखनऊ एसटीएफ और इगलास पुलिस की संयुक्त टीम ने पेपर लीक करने वाले गैंग के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है। पूछताछ के आधार पर गैंग के बाकी सदस्यों की भी तलाश की जा रही है, जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

