अमरोहा : पटाखा फैक्ट्री में धमाका…4 महिलाओं के चीथड़े उड़े
अमरोहा में एक पटाखा फैक्ट्री में सोमवार दोपहर 12.30 बजे भीषण ब्लास्ट हो गया। हादसे में फैक्ट्री में काम कर रहीं 4 महिलाओं की मौत हो गई है। मृतकों में एक महिला की नौकरी का आज पहला दिन था।
हादसे में 9 घायल हुए। इनमें 4 की हालत नाजुक है, उन्हें मेरठ रेफर कर दिया गया है। 5 घायलों का अमरोहा जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। एक वीडियो सामने आया है, जिसमें घायल लड़कियां पगडंडी पर बैठीं तड़पते नजर आईं। उनके चेहरे और शरीर झुलसे थे।
धमाका इतना तेज था कि फैक्ट्री की इमारत और टीनशेड पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गए। महिलाओं के शव इस कदर जल गए कि उनकी पहचान करना मुश्किल था। धमाके के बाद शव इधर-उधर बिखर गए। शवों का इकट्ठा करके फैक्ट्री के बाहर टीन पर रख दिया और उसे गत्ते से ढक दिया।
अतरासी गांव से 2 किमी दूर जंगल में फैक्ट्री पटाखा फैक्ट्री अतरासी गांव से 2 किमी दूर जंगल के बीच में थी। फैक्ट्री में सुबह करीब 25 महिला और पुरुष काम कर रहे थे। इसी दौरान किसी मजदूर के बच्चे ने फुलझड़ी जला दी। इसके बाद पास में रखे पटाखे और बारूद में आग लग गई।
धमाके इतनी तेजी से हुए कि अंदर काम कर रहे लोगों को बाहर निकलने तक का वक्त नहीं मिला। करीब 15 मिनट तक ब्लास्ट होते रहे। धमाके के बाद फैक्ट्री का मलबा 300 मीटर दूर तक फैल गया।
धमाके की आवाज और धुआं उठता देख ग्रामीण मौके पर पहुंचे। मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकाला। लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंचीं। डीएम निधि गुप्ता और एसपी अमित कुमार आनंद मौके पर पहुंचे।
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया- पटाखा फैक्ट्री की दीवारें टूट गई थी स्थानीय निवासी समीर ने बताया- मैं दोपहर में घर पर बैठा था। बहुत तेज आवाज सुनाई दी। घर से बाहर निकल कर देखा तो हर तरफ काला काला धुआं फैला था। हम लोग धुएं की तरफ दौड़ते हुए फैक्ट्री तक पहुंचे। वहां पूरी फैक्ट्री टूट गई थी। काम करने वाले मजदूर मलबे में दबे हुए थे। हम लोग घायलों को बचाने में जुट गए। फैक्ट्री 2 साल से चल रही थी। यहां 20-25 मजदूर काम करते थे। धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। फैक्ट्री में अवैध तरीके से पटाखे बनाए जा रहे थे।
डीएम निधि गुप्ता ने बताया, फैक्ट्री के पास पटाखा बनाने का लाइसेंस था। अब तक 4 महिलाओं की मौत हुई है, जबकि 9 महिलाएं गंभीर घायल हैं। हादसे की जांच के लिए एडीएम की अध्यक्षता में समिति की गठित की गई है।
यह फैक्ट्री एक हजार गज (9 हजार वर्ग फुट) में बनी है, जो हापुड़ के रहने वाले सैफ उर रहमान के नाम से रजिस्टर्ड है। मृतकों की पहचान सर्वेश, रुकसाना, रूमा, शहनाज के तौर पर हुई है। सर्वेश सोमवार को पहले दिन नौकरी पर गई थी। सभी मृतक महिलाएं रजबपुर और पपसरा गांव की रहने वाली थीं। इनमें 300 रुपए प्रति दिन मजदूरी मिलती थी। हादसे में एक युवक समेत 9 महिलाएं घायल हैं। इनमें मोना (21), विशाल (18), सलोनी, इंद्रवती (35), सोनिया (38), पूजा (32), पूजा (27), नाजरीन, पूजा के रूप में हुई है।
एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया, पटाखा फैक्ट्री में करीब 12:30 बजे विस्फोट हुआ है। सूचना मिलते ही 4 थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। साथ ही दमकल विभाग की दो गाड़ियां भी भेजी गईं। फायर ब्रिगेड कर्मियों ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया और मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाल कर अस्पताल में भर्ती कराया। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।