अनिरुद्धाचार्य बोले- कलयुग में वेश्या को वेश्या नहीं बोल सकते, वह खुद को सती सावित्री सुनना चाहती है
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने अपने विरोधियों को जवाब दिया है। वृंदावन में कथा के दौरान उन्होंने कहा, कलयुग में वेश्या को वेश्या नहीं कह सकते हैं। वह है तो वेश्या, लेकिन खुद को सती सावित्री सुनना चाहती है। घूमेगी अर्धनग्न, पर सुनना चाहेगी कि हमें देवी कहो। देवी वाली हरकत हो तो आपकी, तब आपको देवी भी कहा जाए।
उन्होंने पूछा- कलयुग में क्या नहीं है? कलयुग में सत्य नहीं। अगर कलयुग में सत्य बोलते हैं, तो लोग आपका विरोध करने लग जाएंगे। कलयुग में आप किसी को कह दीजिए कि लिव इन में रहना गलत है, तो आपका विरोध हो जाएगा, क्योंकि कलयुग में आप सत्य नहीं बोल सकते।
मैंने बोला तो सत्य कि आजकल कुछ लोग लिव-इन में रह के गलत करते हैं, तो मेरा बड़े-बड़े लोगों ने विरोध किया। क्योंकि सत्य पसंद नहीं है। इन लोगों को झूठ पसंद है। यदि इनके लिए कह दिया जाए कि आप लिव-इन में रह रहे हैं। सही कर रहे हैं, अरे तो महाराज जी बहुत अच्छे हैं। आप तो हमारा सपोर्ट कर रहे हैं।
उन्होंने कहा- अगर हम कह दें कि नहीं जी, लिव-इन में रहना गलत है? आप लोग ही बताइए लिव-इन में रहना सही है कि गलत है? आप कैसी बहू चाहती हो? जो लिव-इन में रह के आए? क्या आप में से कोई भी मां अपने बेटे के लिए लिव-इन में रहने वाली बहू चाहेगी? लेकिन आजकल हमने बोला कि लिव इन में रहना गलत है, तो लोग विरोध हमारा कर रहे हैं, क्योंकि सत्य नहीं इस कलयुग में, आप सत्य नहीं बोल सकते।
हमारे यहां नारी को देवी ही कहा गया है अनिरुद्धाचार्य ने कहा, हमारे यहां तो नारी को देवी ही कहा गया है। पर किस नारी को? हमारे यहां सीता जैसी नारियां भी हैं। जिनको हम सब पूजते हैं। मंदिर में कोई भी मंदिर ऐसा नहीं है, जहां सीता जी हों और राम न हों। जहां राधा ना हों वहां कृष्ण जरूर होंगे। जहां शंकर जी हैं तो वहां पार्वती ना हों, ऐसा नहीं हो सकता। नारायण हैं तो लक्ष्मी ना हों ऐसा हो नहीं सकता। हमारे यहां नारी की पूजा होती है। पर किस नारी की? जो सती है, पवित्र है, आचरण से, सदाचार से, व्यवहार से, पवित्र है।
कथावाचक ने कहा, जो नारी सूर्पनखा जैसी है, क्या उस नारी की भी पूजा होगी, क्या एक तराजू में आप पतिव्रता नारियों को रखो और दूसरी तराजू में आप लिव-इन में रहने वाली को रखो तो क्या दोनों का पलड़ा भारी होगा?
समाज तो यही कहता है कि भाई यह भी नारी है। यह भी नारी है। आजकल तो समानता का भाव है ना कि सब बराबर हैं। सब बराबर हैं तो सती, पतिव्रता और वेश्या एक कैसे हो सकती है? आज आप सत्य नहीं बोल सकते। यदि आप सत्य बोलेंगे तो लोग आपका क्या करेंगे? क्यों करेंगे? क्योंकि सत्य सुनना अच्छा नहीं है। लोग झूठ सुनना चाहते हैं।
अनिरुद्धाचार्य का लिव-इन को लेकर विवादित बयान सामने आया था। जिसमें अनिरुद्धाचार्य कह रहे- लड़कियां 4-5 जगह मुंह मारकर आती हैं। हालांकि, जिस वीडियो पर विवाद खड़ा हुआ है, वह एक कथा के दौरान का है। जिसमें एक भक्त सवाल करता है- गुरु जी राधे-राधे, घर वाले मुझसे शादी करने के लिए बोलते हैं। लेकिन, मुझे थोड़ा डर लगता है। हम आजकल देख रहे हैं बहुत जल्द डायवोर्स हो जा रहे हैं।