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 यूपी में प्राइवेट बस अड्डों को मंजूरी, पार्किंग के लिए नए नियम

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई उत्तर प्रदेश कैबिनेट बैठक में ‘यूपी स्टेज कैरेज बस टर्मिनल, कॉन्ट्रैक्ट कैरेज और आल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना और विनियमन) नीति—2025’ को मंजूरी दे दी गई. इस नीति के तहत राज्य के सभी जिलों में निजी बस अड्डे खोले जा सकेंगे.

वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि प्रदेश में सड़क सम्पर्क और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ बसों की संख्या भी बहुत बढ़ गई है. उनकी पार्किंग की समस्या को देखते हुए इस विशेष नीति को मंजूरी दी गई है. इसमें निजी भागीदारी के माध्यम से दो एकड़ जमीन पर निजी बस स्टैंड की व्यवस्था की जाएगी.

उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जो स्टेज कैरेज बस टर्मिनलों, कॉन्ट्रैक्ट कैरेज पार्कों और आल इंडिया टूरिस्ट बस पार्कों की स्थापना के लिए आवेदन आमंत्रित करेगा. खन्ना ने बताया कि नियामक प्राधिकरण में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक या आयुक्त क्षेत्रों में पुलिस आयुक्त द्वारा नामित अधिकारी, नगर आयुक्त या विकास प्राधिकरण के सचिव, नगर पालिका/नगर पंचायत के कार्यकारी अधिकारी, संबंधित उप-मंडल मजिस्ट्रेट, पुलिस के क्षेत्राधिकारी, सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन), परिवहन निगम के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता और अध्यक्ष द्वारा नामित विषय विशेषज्ञ सदस्य के रूप में शामिल होंगे.

उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत बस टर्मिनल या पार्क स्थापित करने की पात्रता के लिए आवेदक के पास कम से कम दो एकड़ जमीन, कम से कम 50 लाख रुपये की शुद्ध संपत्ति और पिछले वित्तीय वर्ष में दो करोड़ रुपये का कारोबार होना चाहिए. खन्ना ने बताया कि नीति में आवेदक द्वारा स्थापित किए जा सकने वाले टर्मिनलों की संख्या को राज्य भर में 10 से अधिक नहीं, एक जिले में दो से अधिक नहीं और एक ही मार्ग पर एक से अधिक नहीं रखा जा सकता है. निजी संस्थाओं को 10 वर्ष की अवधि के लिए परिचालन अधिकार दिए जाएंगे और संतोषजनक प्रदर्शन के आधार पर अगले 10 वर्षों के लिए नवीनीकरण की संभावना होगी.

उन्होंने बताया कि ऐसे बस अड्डों का स्वामित्व किसी अन्य कानूनी संस्था को हस्तांतरित किया जा सकता है, लेकिन वह पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी होने की तिथि से एक वर्ष के बाद ही हो सकेगा. विनियामक प्राधिकरण के पास ऑपरेटर को सुनवाई का अवसर प्रदान करने के बाद कुछ परिस्थितियों में प्राधिकरण को निलंबित या रद्द करने की शक्ति भी होगी. खन्ना ने बताया कि विनियामक प्राधिकरण के किसी भी आदेश के विरुद्ध शिकायत के मामले में बस टर्मिनल ऑपरेटर संभागीय आयुक्त के समक्ष अपील दायर कर सकता है, जो नीति के तहत अपीलीय प्राधिकरण के रूप में काम करेगा.

पार्किंग के लिए बने नए नियम 
कैबिनेट ने फैसला लिया कि उत्तर प्रदेश के सभी नगर निगमों में एक समान पार्किंग नियम लागू किए जाएंगे.

नई तबादला नीति पर मुहर
इसी बैठक में तबादले की नई नीति पर मुहर लगी. अब प्रदेश के सभी कर्मचारियों के तबादले 15 मई से 15 जून के बीच होगी. उसके पहले संबंधित विभाग में इसकी पूरी प्रक्रिया कर ली जाएगी.

अडानी से बिजली खरीदेगी सरकार
कैबिनेट बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि यूपी में बिजली की खरीद अडानी पॉवर लिमिटेड से होगी. लगभग 5 रुपए 38 पैसे प्रति यूनिट की दर से यह बिजली खरीदी जाएगी. एक अनुमान के मुताबिक इससे 2958 करोड़ की बचत होगी.

Umh News india

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