सेना ने कहा-पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ा तो करारा जवाब देंगे:ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मन के 40 सैनिक मारे, 100 आतंकी ढेर
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के 25 घंटे बाद रविवार शाम 6:30 बजे तीनों सेनाओं ने 1 घंटा 10 मिनट तक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दी।
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई की शाम 5 बजे संघर्षविराम हुआ था। इसके कुछ घंटे बाद पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़कर जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में फायरिंग और ड्रोन से हमला किया था।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा- ‘आप सबको पता है कि पहलगाम अटैक में किस क्रूरता से 26 लोगों को मारा गया था। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK स्थित आतंकी ठिकानों को टारगेट किया। इसमें दुश्मनों को भारी नुकसान हुआ।’
ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को हुई कार्रवाई में सीमा पार 9 ठिकानों पर हमने 100 आतंकवादी मार गिराए। इसमें कंधार हाईजैक और पुलवामा अटैक में शामिल 3 बड़े आतंकी चेहरे भी शामिल थे।
7 मई को हुई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल्स से हमारे बॉर्डर स्टेट्स में स्थित सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की। हमनें उन्हें हवा में ही मार गिराया। एक भी टारगेट सक्सेस नहीं होने दिया।
इसके बाद हमने पाकिस्तान को जवाब देते हुए सख्त कार्रवाई की, जिसमें पाकिस्तानी सेना के 35 से 40 सैनिक और अफसर मारे गए। बॉर्डर और LOC पर हुई पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में हमारे 5 जवान शहीद हुए हैं।
मुरीदके के टेररिस्ट कैंप के बाद बहावलपुर ट्रेनिंग कैंप में कई इन्फ्रास्ट्रक्चर को चुना, जहां आतंकवाद को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता था। इन 2 टेररिस्ट कैंप को हमने टारगेट बनाया और इन्हें तबाह किया।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया, बहावलपुर ट्रेनिंग कैंप में कई इन्फ्रास्ट्रक्चर को चुना, जहां आतंकवाद को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता था। इन दो टेररिस्ट कैंप को हमने टारगेट बनाया और इन्हें तबाह किया। हमने टेररिस्ट और टेररिस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर को टारगेट किया। पाकिस्तानी मिलिट्री और किसी और इन्फ्रास्ट्रक्चर को टारगेट किया।
7 मई की शाम UAV और ड्रोन से पाकिस्तान ने हमला किया। ये किसी लहरों की तरह थे। इनमें से 3 लैंड कर पाए, लेकिन ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। हमने उनके आतंकवादियों को निशाना बनाया। उन्होंने मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिविलियंस को निशाना बनाया।
हमने 7 मई की रात उनके लाहौर और गुजरांवाला स्थित रडार सिस्टम को निशाना बनाया। हम उन्हें यह बताना चाहते थे कि उनके मिलिट्री ठिकाने हमारी पहुंच से दूर नहीं थे। 8-9 मई को पाकिस्तान ने ड्रोन और एयरक्राफ्ट से हमारे बॉर्डर पर हमला किया था और मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाने की उनकी ज्यादातर कोशिशें नाकाम रहीं।
पाकिस्तान ने 8-9 मई की रात श्रीनगर से नलिया तक ड्रोन और एयरक्राफ्ट से हमला किया।
इसके बाद उनके ड्रोन अटैक सुबह तक जारी रहे, जिसका हमने जवाब दिया। लाहौर के करीब से ड्रोन अटैक लॉन्च किए गए थे। उन्होंने अपने और इंटरनेशनल पैसेंजर विमान एयर स्पेस में उड़ने दिए।
जम्मुू, उधमपुर, पठानकोट, नाल, डलहौजी, फलौदी में इन्होंने हमला किया। हम तैयार थे, हमारे ट्रेंड क्रू ने एयर डिफेंस सिस्टम से तबाह कर दिया। हमारी जमीन पर उनके लगातार हमलों से कोई नुकसान नहीं पहुंचा। उनके लगातार एय़रबेस और पोस्ट पर हमले के बाद हमने उन्हें जवाब दिया। हमने वहां हमला किया, जहां उन्हें सबसे ज्यादा दर्द हो।
हमने उनके एयरबेस कमांड सिस्टम, मिलिट्री एयरबेस को हमला किया। चकलाला, रफीकी, रहरयार खान में हमला किया। हमने उन्हें कहा कि आक्रामकता को माफ नहीं किया जाएगा।
हमारे पास उनके हर बेस पर हर सिस्टम को निशाना बनाने की क्षमता है। हम चाहते हैं कि हमारे शत्रु आगे तनाव बढ़ाने की कोशिश ना करें। हमारी लड़ाई पाकिस्तानी मिलिट्री या किसी और से नहीं है। हमारी लड़ाई आतंकवादियों से है, जिन्हें हमने निशाना बनाया। लेकिन उन्होंने ड्रोन, यूएवी से हमला किया। हमारे पास जवाब देने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। हम यह करने की क्षमता रखते हैं। हमने पहलगाम अटैक के बाद अरब सागर में कई ड्रिल की, हथियारों की चेकिंग की। हम अपनी तैयारी को परख रहे थे। नेवी ने पाकिस्तानी नेवी को लगातार मॉनिटर किया। हम उनकी हर लोकेशन और मूवमेंट से वाकिफ थे।