Hindi News LIVE

ATS बलरामपुर पहुंची, छांगुर अपनी ध्वस्त कोठी को देखकर हो गया भावुक

यूपी ATS धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर शुक्रवार को बलरामपुर पहुंची। छांगुर अपनी ध्वस्त कोठी को देखकर भावुक हो गया। उसे गाड़ी से उतरने में दिक्कत हो रही थी। इसके बाद पुलिस के दो जवानों ने उसे सहारा देकर उतारा।

ATS के कमांडो छांगुर को कोठी के अंदर ले गए। करीब 40 मिनट तक छांगुर और ATS के अफसर अंदर रहे। सूत्रों के मुताबिक, ATS ने कोठी का निरीक्षण किया। इस दौरान छांगुर से कोठी से जुड़े सवाल पूछे गए। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इस दौरान थाने की पुलिस और मीडिया को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई।

5 जुलाई को ATS ने 50 छांगुर बाबा को नीतू उर्फ नसरीन के साथ लखनऊ से गिरफ्तार किया था। गुरुवार को ATS ने छांगुर और नसरीन को 7 दिन की रिमांड पर लिया था। 10 जुलाई को ATS लखनऊ जेल से दोनों को लेकर ATS मुख्यालय पहुंची थी। वहां अलग-अलग टीमों ने दोनों से पूछताछ की। ADG कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया था कि छांगुर पिछले 15 साल से धर्मांतरण करवा रहा था।

बाबा को लेकर एटीएस कोठी के पीछे वाले गेट पर पहुंची। गेट पर बाहर से प्रशासन का ताला लगा था। स्थानीय लेखपाल ने ताला खोला। इसके बाद एटीएस की दो स्कॉर्पियो अंदर गईं। अंदर जाते ही बाबा को उतारा गया। उसे लेकर कोठी के ध्वस्त हिस्से के सामने वाली बिल्डिंग में गई। जहां 15 बाई 20 के कमरे में बाबा को ले जाया गया। कमरे के बाहर एटीएस तैनात हो गई। इस कमरे में करीब 20 मिनट तक बाबा से पूछताछ की गई। पुलिस के मुताबिक, एटीएस छांगुर बाबा को कोठी के अंदर ले गई, तब थाने की पुलिस को बाहर ही रोक दिया गया। अंदर सिर्फ एटीएस के लोग ही थे। बताया जाता है कि छांगुर बाबा काफी कमजोर हालत में है, उसे पहले पुलिस के दो जवानों ने सहारा देकर गाड़ी देकर गाड़ी से उतारा। उसके बाद अंदर एटीएस के जवानों ने सहारा दिया। इसके बाद बाबा को कमरे में ले जाकर बैठाया गया, जहां उससे पूछताछ की गई।

छांगुर बाबा की कोठी उतरौला-मनकापुर मेन रोड पर है। यह कोठी उसकी महिला सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर है। 3 बीघा जमीन पर 3 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस कोठी में 70 से ज्यादा कमरे और हॉल बने थे। इनमें से 40 कमरों वाले हिस्से को प्रशासन ने तोड़ दिया है।

इसे तोड़ने में 3 दिन लगे। कुल 19 घंटे तक बुलडोजर चले। पहले दो दिन 250 स्क्वायर फीट हिस्से को ढहाया गया। इसके बाद गुरुवार को 8 बुलडोजरों से 250 स्क्वायर फीट और तोड़ा। कोठी से करीब 1 लाख क्विंटल मलबा निकला है।

उतरौला के तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति ने बताया था- 17 मई, 17 जून और 7 जुलाई को अवैध निर्माण हटाने का नोटिस दिया गया था। हालांकि, छांगुर बाबा और नसरीन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद प्रशासन ने अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिया।

​​​​​छांगुर का जन्म गरीबपुर गांव में हुआ। यह गांव बलरामपुर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर है। बचपन में पिता करीमुल्ला की मौत के बाद छांगुर की मां बच्चों के साथ अपने मायके रेहरामाफी लौट आई। यहीं छांगुर का पूरा जीवन बीता। शुरुआत में गांव-गांव कपड़े की फेरी की, फिर अंगूठी और नग बेचने लगा। बीच-बीच में वह मुंबई की हाजी अली दरगाह के पास भी नग बेचने का काम करता था। 2011 में पत्नी कुतबुनिशा को प्रधानी का चुनाव लड़वाया और चुनाव जीत गया। इसके बाद उसका जीवन बदल गया।

Umh News india

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *