औरैया : ट्रेन से कटने पहुंची 7 साल की बच्ची, पापा मारते हैं, छत से ढकेल देते हैं…
औरैया में मंगलवार को एक 7 साल की बच्ची ट्रेन से कटने रेलवे ट्रैक के पास पहुंच गई। लोगों ने बच्ची को ट्रैक पर टहलते देखा, तो पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंचे पुलिसवालों ने उसे पकड़ लिया। वहां मौजूद लोगों ने बच्ची से पूछा- यहां क्या कर रही हो? इस पर बच्ची रोने लगी और बोली- पापा मुझे मारते हैं, इसलिए मरने आई हूं।
इसके बाद वहीं पर मौजूद एक व्यक्ति चंदन राजपूत ने लिखा-पढ़ी के बाद बच्ची को गोद ले लिया। मामला अछल्दा में डीएफसी रेलवे लाइन का है। घटना सुबह 8 बजे आदर्श इंटर कॉलेज के पीछे हुई।
खजुरियन का पूर्वा में संतोष राजपूत रहता है। संतोष के 5 बच्चे- 2 बेटे और 3 बेटियां हैं। रोशनी दूसरे नंबर की बेटी है। रोशनी मंगलवार सुबह रेलवे लाइन पर टहल रही थी। तभी उसके घर के पास रहने वाले राहुल खान और मोहर सिंह राजपूत ने बच्ची को देख लिया। उन्होंने तुरंत 112 पीआरवी को सूचना दी। इस पर कॉन्स्टेबल राजकुमार और रामकिशोर मौके पर पहुंचे। दोनों कॉन्स्टेबलों ने स्थानीय लोगों की मदद से बच्ची को थाना अछल्दा पहुंचाया।
मौका पाकर घर से भागी बच्ची
पूछताछ में रोशनी ने बताया- रोशनी ने बताया- मेरे पिता मुझे बहुत पीटते थे। वह पिछले 3 दिनों से मुझे लगातार पीट रहे थे। हाथ-पैर बांधकर खेत पर चले जाते थे। मुझे पढ़ने के लिए स्कूल भी नहीं भेजते थे। इसके बाद हाथ-पैर बांधकर कमरे में बंद कर दिया था। घर में खाना बनाने के लिए कहते थे। मेरा बड़ा भाई प्राइमरी स्कूल में जाता था। दो बहनें और भाई अभी छोटे हैं।
कल मेरे पिता ने मुझे छत से धक्का दे दिया। इससे मुझे चोट आ गई और काफी देर तक खून बहता रहा। पिता ने मुझे सहारा भी नहीं दिया। इसलिए मैं आज सुबह गुस्से में घर से निकल आई। मैंने सुना था कि लोग गुस्से में आकर ट्रेन से कट जाते हैं। इससे वो मर जाते हैं, इसलिए मैं मरने चली आई। मैं सुबह करीब 5 बजे घर से निकली थी। अब मैं घर नहीं जाना चाहती।
मोहल्ले के लोगों ने बताया कि रोशनी की मां की दिमागी हालत ठीक नहीं और इस समय गर्भवती है। बच्ची की कहानी सुनकर बजरंग नगर निवासी चंदन राजपूत ने थाने में उसके पिता संतोष राजपूत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। साथ ही बच्ची को गोद लेने का फैसला किया।
पिता की आर्थिक स्थिति खराब पिता संतोष ने बताया- मेरी आर्थिक हालत काफी खराब होने की वजह से मैं बच्चों का पालन-पोषण नहीं कर पा रहा हूं। मेरी पत्नी की मानसिक हालत भी ठीक नहीं है, उसकी भी देखभाल करनी होती है। इसीलिए मैंने चंदन राजपूत को अपनी बेटी रोशनी दे दी है। वह अच्छी तरह से उसकी परवरिश कर पाएंगे।
गोद लेने वाले चंदन राजपूत टेलर हैं। साथ ही वह खेती भी करते है। उनके एक बेटा ही है। वह एक बेटी की चाहत में थे, लेकिन उन्हें कोई बेटी नहीं हुई। आज जब उन्हें पता चला, तो उन्होंने रोशनी को गोद ले लिया। इसकी लिखा-पढ़ी भी हुई।
चंदन राजपूत कहते हैं- मैं रोशनी को बेटी की तरह पालूंगा और अच्छे से उसकी शादी करूंगा। चंदन राजपूत ने मंगलवार को ही रोशनी का एडमिशन अछल्दा के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में करा दिया। उसके लिए नए कपड़े भी खरीदे। यूनिफॉर्म सिलने के बाद रोशनी स्कूल जाने लगेगी।