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आजम के बेटे को फिर 7 साल की सजा: फर्जी जन्मतिथि पर पासपोर्ट बनवाया

सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला को फिर 7 साल की सजा हुई है। रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने फर्जी पासपोर्ट मामले में शुक्रवार को अब्दुल्ला को दोषी करार दिया। एक घंटे बाद उनको सजा सुनाई। 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। रामपुर जेल में बंद अब्दुल्ला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट में पेश हुए।

जन्मतिथि में फर्जीवाड़ा करने के मामले में यह अब्दुल्ला की तीसरी सजा है। 18 दिन पहले फर्जी पैन कार्ड मामले में बाप-बेटे यानी आजम और अब्दुल्ला को 7-7 साल की सजा सुनाई गई थी। 17 नवंबर से दोनों रामपुर जेल में बंद है।

इससे पहले, बर्थ सर्टिफिकेट मामले में 2 साल पहले यानी 2023 में आजम और उनकी पत्नी तंजीन और अब्दुल्ला को 7-7 साल की सजा हुई थी। आजम खान 23 सितंबर को ही 23 महीने बाद जेल से जमानत पर बाहर आए थे। 55 दिन बाद ही उन्हें वापस सजा हुई और वह जेल भेज दिए गए।

क्या है पासपोर्ट का मामला? फर्जी पासपोर्ट का मामला 2019 का है। रामपुर में भाजपा नेता आकाश सक्सेना, अब भाजपा विधायक ने सिविल लाइंस थाने में FIR कराई थी। इसमें उन्होंने कहा था- अब्दुल्ला आजम ने धोखे से और जाली दस्तावेजों के आधार पर दो अलग-अलग पासपोर्ट बनवाए और उनका इस्तेमाल किया। एक पासपोर्ट में उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 है, जो उनके एजुकेशन रिकॉर्ड के अनुसार सही है। जबकि दूसरे पासपोर्ट में 1990 दिखाया गया, जो कि फर्जी है।

गलती पर गलती करते रहे आजम और अब्दुल्ला

  • आजम खान 2017 में अखिलेश सरकार में नगर विकास मंत्री थे। विधानसभा चुनाव में रामपुर की स्वार सीट से बेटे अब्दुल्ला को चुनाव लड़ाना चाहते थे। लेकिन, अब्दुल्ला की उम्र में छोटे थे। एजुकेशन सर्टिफिकेट में दर्ज उनकी डेट ऑफ बर्थ आड़े आ रही थी।
  • आजम ने अपने रसूख के दम पर लखनऊ नगर निगम से बेटे का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) बनवाया। उसके आधार पर अब्दुल्ला ने फर्जी पैन कार्ड बनवाए। फिर बार-बार गलती दोहराते रहे। अब्दुल्ला ने दो पासपोर्ट भी बनवा लिए। उसका इस्तेमाल किया।
  • 2017 में चुनाव हुए तो अब्दुल्ला की जीत हुई। तब BSP उम्मीदवार रहे नवाब काजिम अली खान ने फर्जी पैन कार्ड का मुद्दा उठाया। कहा- नॉमिनेशन के समय अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम थी। जांच हुई तो सामने आया कि अब्दुल्ला आजम ने फर्जी आयु प्रमाण पत्र पर चुनाव लड़ा था। वह 25 साल के नहीं थे। इसके बाद अब्दुल्ला का निर्वाचन रद्द कर दिया गया। उसकी सदस्यता चली गई।
  • इस मामले में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने भी रामपुर में केस दर्ज कराया। मुकदमे में अब्दुल्ला के साथ उसके पिता आजम और मां तंजीन फातिमा को भी जेल जाना पड़ा। हालांकि, 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से अब्दुल्ला दोबारा जीत गए। इसके बाद सरकारी काम में बाधा डालने के एक मुकदमे में उसे फिर 3 साल से ज्यादा की सजा हुई और उनकी सदस्यता रद्द हो गई।
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