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बरेली : पुलिस भर्ती दौड़ में 8 अभ्यर्थियों के पैर टूटे, PAC मैदान में 5km की दौड़ में हुए शामिल

बरेली में चल रही यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में दौड़ के दौरान 6 अभ्यर्थी घायल हो गए। बुधवार को शहर के पीएससी ग्राउंड में आयोजित शारीरिक परीक्षण के दौरान दौड़ में अभ्यर्थियों के साथ ये हादसा हुआ है। बताया जा रहा है पिछले तीन दिनों में 8 अभ्यर्थियों के पैर में फ्रैक्चर हुआ है, जिनमें से 6 मामले तो केवल एक ही दिन बुधवार को सामने आए हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती की शारीरिक परीक्षा 10 फरवरी को शुरू हुई थी, जो 15 फरवरी तक चलेगी, जिसमें बरेली में कुल 14 हजार अभ्यर्थी हिस्सा लेंगे। बरेली- लखनऊ नेशनल हाईवे के पास आठवीं वाहिनी पीएसी मैदान पर ये दौड़ परीक्षा आयोजित की जा रही है।

बुधवार को दौड़ के दौरान राम लखन(25) निवासी बदायूं, 12वें राउंड में, विशेष कुमार(22) निवासी बदायूं 9वें राउंड में, मुरारी लाल(27) निवासी बदायूं, 11वें राउंड में, विपिन निवासी बहड़ी, 11 वें राउंड में गिर गए। जिससे उनके पैर में फैक्चर हो गया। वहीं हरेंद्र सिंह(27) निवासी शिकोहाबाद और पंकज(24) फिरोजाबाद भी दौड़ के दौरान गिर पड़े उनके भी पैर में फैक्चर हो गया। सभी घायलों को 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका इलाज जारी है। इससे पहले दौड़ परीक्षा के पहले दिन ही एक महिला अभ्यर्थी दीक्षा का पैर टूटा था। जिसके बाद उसे जिला अस्पताल ले गए थे बाद में उसे शहर के मिनी बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था।

वहीं दूसरे दिन यानी मंगलवार को भी ऐसी घटना सामने आई थी। जब बदायूं से पुलिस भर्ती के लिए पहुंचे अभ्यर्थी शक्ति दौड़ के दौरान 10वें राउंड में अचानक लड़खड़ाकर जमीन पर गिर गया था। जिसके बाद मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे एम्बुलेंस से बरेली के जिला अस्पताल पहुंचाया था, जहां डॉक्टरों ने अभ्यर्थी का पैर टूटा होने के पुष्टि की। परिजन उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल ले गए थे। वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती की फिजिकल परीक्षा के दौरान सोमवार को अलीगढ़ में इसी तरह का हादसा हुआ था। जिसमें आगरा की एक महिला परीक्षार्थी का दौड़ते समय अचानक पैर टूट गया था। जिसके बाद उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया था। यह घटना युवाओं की फिटनेस और पुलिस भर्ती के मानदंडों पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। एक तरफ जहां 5 किलोमीटर की दौड़ भर्ती का अनिवार्य हिस्सा है, वहीं सेवारत पुलिसकर्मियों का कहना है कि नौकरी में आने के बाद नियमित दौड़ना तो दूर, वे कभी किसी अपराधी का एक किलोमीटर तक पीछा भी नहीं करते।

इस बार में विशेषज्ञों का मानना है कि आधुनिक जीवनशैली, जंक फूड का बढ़ता प्रचलन और नियमित व्यायाम की कमी के कारण युवाओं की शारीरिक क्षमता प्रभावित हो रही है। साथ ही यह भी देखा गया है कि अधिकतर युवा केवल भर्ती परीक्षा के समय ही दौड़ का अभ्यास शुरू करते हैं, जो उनके लिए जोखिम भरा साबित हो रहा है।

Umh News india

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