सिद्धार्थनगर में कारोबारी पति-पत्नी की खून से सनी लाश मिली
सिद्धार्थनगर में दवा कारोबारी मोहन अग्रवाल और उनकी पत्नी अंजू की लाश घर में खून से सनी हुई मिली। पड़ोस में रहने वाले बेटे ने सुबह 5 बजे पिता के फ्लैट का दरवाजा खुला हुआ देखा। अंदर जाकर देखा तो पिता बरामदे और मां बेड पर पड़ी मिलीं। दोनों के गले कटे हुए थे। पूरे कमरे में खून फैला हुआ था।
बेटे की चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी जमा हो गए। सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। पुलिस ने कमरे से सर्जिकल ब्लेड और सुसाइड नोट बरामद किया।
मोहन अग्रवाल दवाओं के बड़े होल सेलर थे। उनका बड़ा बेटा राहुल साथ में ही बिजनेस करता है। वह पड़ोस में एक फ्लैट में ही रहता है। वहीं, छोटा बेटा रोहन गोरखपुर में कपड़ों का होलसेलर है, जो पूर्व में भाजपा का मंडल अध्यक्ष भी रह चुका है।
बड़े बेटे राहुल ने बताया- सुबह 5 बजे मैं सोकर उठा। फ्लैट से बाहर आकर देखा तो पापा-मम्मी के फ्लैट का दरवाजा खुला था। बरामदे में पापा का लहूलुहान शव पड़ा हुआ था। अंदर गया तो कमरे में मां का शव बेड पर पड़ा हुआ था। दोनों के गले कटे हुए थे। पूरे कमरे में खून फैला था।
मोहन अग्रवाल (65) बढ़नी कस्बे में पत्नी अंजू अग्रवाल (55) के साथ किराए के फ्लैट में रहते थे। ठीक सामने के फ्लैट में बड़ा बेटा राहुल अपनी पत्नी के साथ रहता है। मोहन और राहुल साथ मिलकर आर्य समाज रोड पर ‘अग्रवाल मेडिकल स्टोर’ नाम से दुकान चलाते थे। उनका दवाओं का होल सेल बिजनेस है। सूचना पर सीओ सुजीत राय, एसडीएम राहुल सिंह और भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाने के बाद मकान को सील कर दिया। सीओ शोहरतगढ़ ने बताया- यह आत्महत्या का मामला है। कमरे से एक सर्जिकल ब्लेड बरामद हुआ है, जिससे दोनों के गले कटे हुए हैं।
एक सुसाइड नोट भी मिला। इसमें कर्ज से परेशान होने की बात लिखी है। सुसाइड नोट को हैंडराइटिंग मिलान के लिए फोरेंसिक लैब में भेजा गया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बेटे राहुल ने बताया- पापा कर्ज से काफी परेशान थे। लेनदार आए दिन घर आते थे। मगर पापा सुसाइड नहीं कर सकते। पुलिस कह रही है कि कमरे से सुसाइड नोट मिला है। हमने कोई सुसाइड नोट नहीं देखा।
सिद्धार्थनगर के एएसपी प्रशांत कुमार ने बताया कि घटनास्थल से सुसाइड नोट मिला है। इस पर पति- पत्नी दोनों के सिग्नेचर हैं। सुसाइड नोट में लिखा है- हम अपनी मर्जी से ऐसा कर रहे हैं। हमारे ऊपर कर्ज ज्यादा हो गया था। हमारे न रहने पर हमारे बच्चों को कोई तंग नहीं करेगा। कर्ज की डिमांड इनसे न की जाए।