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नोएडा में यमुना और हिंडन दोनों नदियां उफान पर, सड़क पर टेंट लगाकर 2000 लोग रह रहे

यमुना उफनाई हुई है। जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया। हिंडन का पानी भी डूब क्षेत्र में बने छह गांव के पक्के मकानों के बेहद नजदीक आ गया। ऐसे में हिंडन नदी के आसपास से भी लोगों को आश्रय स्थल पहुंचाया जा रहा है।

यमुना में बुधवार से तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। वर्तमान में जल स्तर 207.37 मीटर के आसपास है। दिल्ली के सभी बैराज खोले जा चुके है। कालिंदी कुंज बैराज खोले जाने से नोएडा, ग्रेटर नोएडा यमुना के डूब एरिया में यमुना का जल स्तर तेजी से बढ़ा। रात तक यहां मौजूद फॉर्म हाउस, खेत सभी डूब गए।

पिछले 24 घंटे में एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी बढ़ा है। दूसरी ओर, हिंडन का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। हिंडन में 201 मीटर यानी 6487 क्यूसेक पानी बह रहा है, जबकि नदी में खतरे का निशान 205 मीटर है। नोएडा ने बैराज को बंद कर दिया है। ताकि यमुना का पानी नालों में बैक फ्लो नहीं मारे। लेकिन यदि बारिश होती है तो यहां पानी निकासी में परेशानी हो जाएगी। सड़क और अन्य निचले स्थानों पर पानी भर जाएगा। इसके अलावा कई स्थानों पर सीवर के ओवर फ्लो होने की शिकायत मिल रही है। जिससे घरों में गंदा पानी भर रहा है।

दोनों ही नदियों में दो दिनों से जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे यहां रहने वाले लोग अब पलायन करने के लिए मजबूर हैं। यहां यमुना और पुश्ता की तरफ सेक्टर-133, 134, 135, 168 के अलावा 150 से ज्यादा इलाके प्रभावित हैं। यहां करीब डेढ़ हजार से ज्यादा फॉर्म हाउस डूब चुके हैं। 2000 लोग सड़क के किनारे टेंट बनाकर रह रहे हैं। प्राधिकरण ने 8 राहत शिविर बनाए हैं। इनमें खानपान की व्यवस्था भी की जा रही। बुधवार को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश ने राहत शिविर समेत अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। प्राधिकरण ने सेक्टर-135 और 150 के आसपास बख्तावरपुर, छपरौली, कोंडली, नंगली वाजिदपुर, नंगला नगली, झट्टा गांव के बारात घर में राहत शिविर बनवाए हैं। पुश्ते के किनारे एक अस्थाई टेंट भी बनाया जा रहा। सीईओ ने डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों से बाहर निकलने की अपील की।

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