सीबीएसई ने 7 राज्यों के 15 स्कूलों पर एक साथ मारा छापा
CBSE Raids: सीबीएसई ने 7 राज्यों के करीब 15 स्कूलों का औचक निरीक्षण किया.छापेमार कार्रवाई ऐसी थी कि स्कूलों को भनक तक नहीं लगी.बाद में सब जगह इसकी चर्चा होने लगी.हर निरीक्षण टीम में एक CBSE अधिकारी और किसी बोर्ड से संबद्ध स्कूल के प्रधानाचार्य शामिल थे.इन टीमों ने एक साथ और सीमित वक्त में सारी जांच पूरी की, ताकि स्कूलों को आश्चर्य में रखा जा सके और उनकी असल हालत का सही आकलन हो सके. ये प्लानिंग इतनी शानदार थी कि किसी को भी चीटिंग का मौका नहीं मिला.
CBSE Schools Raids: क्या था मकसद?
CBSE का मकसद है स्कूलों को उनके बाई-लॉज (Bye-Laws)के हिसाब से चलाना.इसके लिए उन्होंने कई बातों की पड़ताल की:
– क्या स्कूल गैर-हाजिर (non-attending) छात्रों का नामांकन तो नहीं कर रहे?
– स्कूलों का शैक्षणिक और भौतिक बुनियादी ढांचा कैसा है?
– क्या नियमों का पालन हो रहा है या सिर्फ दिखावा है?
सीबीएसई सचिवालय ने साफ कर दिया कि अब जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर सख्त कार्रवाई होगी.बोर्ड दो टूक कह रहा है कि शैक्षणिक गुणवत्ता बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है और नियम तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.इतना ही नहीं भविष्य में भी ऐसी सघन निगरानी जारी रहेगी, ताकि कोई भी स्कूल हेरफेर न कर सके.
सीबीएसई का कहना है कि ये कदम स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है.अगर कोई गड़बड़ी पाई गई तो उस पर तुरंत एक्शन होगा.ये साफ संदेश है कि शिक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा.अब देखना ये है कि इन स्कूलों की रिपोर्ट क्या कहती है और आगे क्या होता है.