मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग लाए केंद्र सरकार-आशीष सिंह राजपूत
नोएडा। भारत हिंदू परिषद-(बीएचपी) अध्यक्ष आशीष सिंह राजपूत ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के बयान पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस देश में हिंदुओं को सिर्फ मजाक का पात्र समझा जाता है एक याचिका के दौरान सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश गवई ने एक ऐसा बयान दिया जो हिंदू विरोधी मानसिकता को दिखाता है उन्होंने बताया कि मामला कुछ ऐसा है.
खजुराहो के प्राचीन मंदिर में 12 फीट ऊंची विष्णु भगवान की प्रतिमा थी जिसे खंडित कर दिया गया था
वहां प्रतिमा पुनर्स्थापित करने की इजाजत के लिए एक व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल किया था
चीफ जस्टिस गवई ने अर्जी सुनने से इनकार किया लेकिन जो टिप्पणी किया यह बड़ी खतरनाक है और उनकी हिंदू धर्म विरोधी मानसिकता को दिखाती है
चीफ जस्टिस ने अरजदार से कहा
“जाओ और भगवान विष्णु से ही कुछ करने को कहो। तुम कहते हो कि तुम भगवान विष्णु के परम भक्त हो। तो जाओ और अभी प्रार्थना करो।”
भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मध्य प्रदेश के खजुराहो स्मारक समूह के जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट ऊंची सिर कटी मूर्ति की पुनर्स्थापना की मांग वाली याचिका पर मंगलवार को विचार करने से इनकार कर दिया ।
कुछ घंटे पहले जब यही जज साहब वक्फ बोर्ड पर सुनवाई कर रहे थे तब उन्होंने मुस्लिम पक्ष से यह क्यों नहीं कहा कि जाओ खुदा से प्रार्थना करो हम कुछ नहीं कर सकते.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीएचपी अध्यक्ष ने कहा कि भारत की केंद्र सरकार को लोकतंत्र के मंदिर संसद में एक महाभियोग लाकर ऐसी हिंदू विरोधी मानसिकता रखने वाले भारत के मुख्य न्यायाधीश को उनके पद से हटा देना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि अगर उन्हें ईश्वर से इतना नफरत है तो अदालत में वकील लॉर्डशिप की बात क्यों करते हैं? लॉर्डशिप को लॉर्ड हटा देना चाहिए। और अगर ईश्वर ही सारा काम करेंगे, तो जब न्याय ईश्वर को ही करना है, तो न्यायाधीश को अदालत में क्या करना चाहिए?
आगे उन्होंने कहा कि अगर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया में ताक़त है तो मुसलमानों से कह के देखो कि मुहम्मद य अल्लाह से न्याय मागो.