अक्षय तृतीया पर बांकेबिहारी के चरण दर्शन के लिए उमड़ा भक्तों का सैलाब
मथुरा: अक्षय तृतीया के मौके पर धर्म नगरी वृंदावन में श्रद्धालुओं का अपार सैलाब उमड़ पड़ा. साल में 1 ही दिन बांके बिहारी जी के चरण दर्शन का सौभाग्य मिलता है और ऐसा ही भव्य नजारा बुधवार को देखा गया. यहां अपने आराध्य के चरण दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से ही ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के बाहर एकत्रित होने लगी और पट खुलते ही श्रद्धालु जयकारे लगाते हुए मंदिर में प्रवेश करने लगे. बांके बिहारी महाराज के चरण दर्शन की लालसा लेकर आए श्रद्धालु अपने आराध्य के चरणों की एक झलक पाने को लालायित होकर इंतजार करने लगे और जैसे ही उनकी मनोकामना चरण दर्शन के रूप में पूरी हुई, तो वे स्वयं को धन्य महसूस करते हुए दोनों हाथ उठाकर प्रभु की जय जयकार करने लगे. जिससे संपूर्ण मंदिर परिसर जयकारों से गुंजायमान हो उठा.
चंदन का ठाकुर जी को लगाया लेप
बता दें, आज अक्षय तृतीया के मौके पर मंदिर के सेवायत स्वामियों द्वारा ठाकुर जी को शीतलता प्रदान करने के लिए गुलाब जल से तैयार किया गया. विशेष चंदन से श्रीविग्रह का लेपन किया गया. साथ ही आभूषण, चरणों में रजत पायल और पीत वस्त्र पहनाए गए. उनका भव्य श्रृंगार भी किया गया. इसके साथ ही ठाकुरजी को सत्तू समेत अन्य शीतल पेय पदार्थों का भोग अर्पित किया गया और उनके चरणों में चंदन का एक बड़ा गोला भी रखा गया.
क्यों साल में 1 बार होते हैं चरण दर्शन
बांके बिहारी मंदिर के सेवायत पुजारी शालू गोस्वामी ने Umh News को बताया, कि वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में साल में एक बार चरण दर्शन होते हैं. मान्यता के अनुसार स्वामी जी को हर रोज भगवान के चरणों से स्वर्ण मुद्रा प्राप्त होती थी, जिससे वे ठाकुर जी की सेवा और भोग का आयोजन करते थे. इसी कारण से स्वामी जी ने भगवान के चरणों को ढक दिया था. यही कारण है कि पूरे साल भगवान के चरण नहीं दिखाए जाते और केवल अक्षय तृतीया के दिन ही भक्तों को ये दर्शन होते हैं.