दिल्ली ब्लास्ट-सुरक्षाबलों ने कश्मीर में आतंकी नबी का घर उड़ाया
दिल्ली ब्लास्ट केस में गुरुवार रात सुरक्षा बलों ने पुलवामा में आतंकी डॉ. उमर नबी के घर को IED ब्लास्ट से उड़ा दिया है। गुरुवार को ही DNA मैचिंग के बाद इस बात की पुष्टि हुई है कि कार में उमर ही था।
उमर पुलवामा के कोइल इलाके में रहता था। पुलिस उसके माता-पिता और भाईयों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। इधर, सुरक्षा बलों ने पिछले 3 दिन में कश्मीर में 500 लोकेशन पर छापा मारा है। पूछताछ के लिए 600 लोग हिरासत में लिए गए हैं।
खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया है अब तक गिरफ्तार 8 आतंकियों ने बताया कि वे 6 दिसंबर यानी बाबरी मस्जिद ढहाने की बरसी के दिन दिल्ली समेत देशभर में कई जगह धमाके करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 32 कारों का इंतजाम किया था।
10 नवंबर को हुए दिल्ली ब्लास्ट में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 लोग घायल हैं, जिनमें से तीन की हालत नाजुक बताई जा रही है।
दिल्ली ब्लास्ट में भास्कर की 2 इन्वेस्टिगेशन
- तीसरी तक पढ़े मौलवी ने डॉक्टरों को आतंक पढ़ाया: कश्मीर के जिस मौलाना मोहम्मद इरफान की वजह से आतंकियों के वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का खुलासा हुआ, वो तीसरी कक्षा तक ही पढ़ा था। लेकिन, वो डॉक्टरों को आतंक का पाठ पढ़ा चुका था। इरफान शोपियां का रहने वाला है। नौगाम में मदरसे में पढ़ाने जाता था। 17 अक्टूबर को उसने ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का धमकी भरा पोस्टर लिखा। फिर उसे प्रिंटिंग कराने ले गया। पोस्टर में सेना के खिलाफ धमकी भरी बातें लिखी थीं। जवानों ने पोस्टर देखा और आसपास पता लगाया तो मौलवी का सुराग मिला। अगले ही दिन जवान शोपियां पहुंच गए और उसे दबोच लिया। जांच सूत्रों ने भास्कर को बताया कि नौगाम में इरफान जिस मस्जिद में रहता था, उस कमरे को खोला गया। वहां कुछ और पोस्टर मिले। इसके बाद पहला केस दर्ज हुआ। कुछ दिन मामला शांत रहा, लेकिन 27 अक्टूबर को नौगाम में और पोस्टर लगे मिले। ये प्रिंटेड थे। सीसीटीवी फुटेज से इन्हें लगाने वाली की पहचान कुलगाम के वांपोरा निवासी डॉ. अदील मोहम्मद के रूप में हुई।
- जहां से चार आतंकी निकले, वहां 40% डॉक्टर कश्मीरी: फरीदाबाद के धौज गांव में बनी जिस अलफलाह यूनिवर्सिटी से चार आतंकी डॉक्टर निकले, वहां 40% डॉक्टर कश्मीरी हैं। नाम न छापने की शर्त पर मेडिकल कॉलेज में तैनात एक महिला डॉक्टर ने भास्कर को बताया कि 2021 में लेडी आतंकी डॉ. शाहीन बतौर प्रोफेसर जुड़ी। उसे प्रबंधन ने कॉलेज की 6 सदस्यीय फार्माको विजिलेंस कमेटी में अहम पद दिया। उसने ही 2022 में पुलवामा के आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल गनी, डॉ. उमर नबी, डॉ. सज्जाद अहमद को नौकरी दिलाई। सज्जाद को कॉलेज कमेटी का सदस्य बनवाया। शाहीन और सज्जाद का यूनिवर्सिटी में काफी प्रभाव था।

