इटावा का कथावाचक कांड: ब्राह्मण गांव पर ‘अहीर रेजिमेंट’ का धावा.. समाजवादी पार्टी ने झाड़ा पल्ला
इटावा. कथावाचक कांड के बाद इटावा के ब्राह्मण बाहुल्य दांदरपुर गांव में हुई हिंसा से समाजवादी पार्टी ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव गोपाल यादव ने बयान दिया है कि उनकी पार्टी का इस हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है. गोपाल यादव ने कहा, “जो हिंसा गुरुवार को हुई है, उससे हमारी पार्टी का कोई संबंध नहीं है. हमारी पार्टी कभी भी हिंसा को बढ़ावा नहीं देती है. जिन लोगों ने कल की घटना को अंजाम दिया, वे शांति भंग करना चाहते थे और आवेश में आकर उन्होंने ऐसा किया.”
21 जून 2025 को कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत कुमार यादव के साथ मारपीट और अपमान की घटना पर गोपाल यादव ने कहा, “यह बहुत ही निंदनीय कांड है. यह इंसानियत को शर्मसार करने वाला है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.” उन्होंने इटावा में कथावाचकों के अपमान के मुद्दे पर दादरपुर गांव में हुए उपद्रव के लिए अहीर रेजीमेंट के अध्यक्ष गगन यादव को वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने पर पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाया है.
समाजवादी पार्टी का कहना है कि इटावा के कथावाचकों के अपमान के बाद अहीर रेजिमेंट के अध्यक्ष गगन यादव पर इटावा की सीओ आयुषी सिंह की इतनी मेहरबानी क्यों देखी जा रही है. जसवंतनगर में तैनात सीओ आयुषी सिंह अपना कार्यक्षेत्र छोड़कर 100 किलोमीटर दूर आगरा के जोधा होटल में गगन यादव से इटावा के मुद्दे का ज्ञापन लेने के लिए पुलिस बल के साथ पहुंची. समाजवादी पार्टी ने सवाल उठाया है कि आखिर इटावा के सीओ को 100 किलोमीटर दूर ज्ञापन लेने के लिए आगरा क्यों जाना पड़ा. अगर गगन यादव की लोकेशन आगरा में मिल गई थी, तो आगरा के पुलिस अधिकारी ज्ञापन लेने की स्थिति में क्यों नहीं थे? क्या आगरा के अधिकारी सक्षम नहीं थे, जो इटावा की सीओ को आगरा तक की यात्रा करनी पड़ी?
गोपाल यादव ने कहा कि दांदरपुर गांव में हुए उपद्रव से समाजवादी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है. जो स्वयंभू संगठन इस गांव में आकर अपनी बात रखना चाहते थे, वे कहीं न कहीं भारतीय जनता पार्टी से पोषित और पल्लवित हैं. उनकी फोटो भी इस समय भाजपा नेताओं के साथ वायरल हो रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन भाजपा नेताओं के इशारे पर समाजवादी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश में जुटा हुआ है, जबकि उपद्रवियों से समाजवादी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है.
इटावा के दादरपुर गांव में हुए उपद्रव के बाद देर रात डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल और एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हालात का जायजा लेने पहुंचे. दोनों अधिकारियों ने संयुक्त रूप से गांव वालों को भरोसा दिलाया कि उनके गांव में कानून संबंधी कोई भी समस्या नहीं आने दी जाएगी. जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने गांव के लोगों से सिलसिलेवार ढंग से तसल्ली देते हुए बात की. इटावा के एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने गांव में तैनात पुलिसकर्मियों को हर हाल में मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं.