धीरेंद्र शास्त्री बोले-हिंदुओं को जातियों में नहीं बंटना है, हम एक होकर दिखाएंगे
झांसी, हम सब उस महाअभियान में निकले हैं। आजादी से पहले जो नजारा भारत में था। आजाद भारत में फिर से हम लोगों को छुआछूत, जात-पात, ऊंच-नीच से आजादी चाहिए। हिंदू कम हो रहा है। हिंदू जातियों में बंट गया है। बांग्लादेश के हिंदुओं पर अत्याचार हुआ। हम सभी ने देखा। अब हम सब हिंदू चुप नहीं बैठेंगे। हम सब हिंदू एक होकर बताएंगे। गांव में सबसे बड़ा रोग है ऊंच-नीच और जात-पात का। उसी को दूर करने के लिए यह सनातन यात्रा निकाली जा रही है।’
यह बात बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री ने यात्रा के तीसरे दिन झांसी में कही। उन्होंने यात्रा में शामिल लोगों से पूछा- क्या तुम अपने गांव और भारत को बांग्लादेश बनाना चाहते हो? क्या तुम ऊंच-नीच और जातियों में बंटना चाहते हो ? क्या तुम चाहते हो कि तुम्हारी बहन-बेटियां लव जिहाद में पड़ें? क्या तुम चाहते हो तुम्हारी जमीन पर कोई और कब्जा करे? इस बीच लोगों ने एक सुर में नहीं बोला।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, एक ही उपाय है। अब हमें सड़कों पर उतरना पड़ेगा। जात-पात छोड़ना पड़ेगा। इसलिए हम कह रहे हैं, जात-पात की करो विदाई, हम सब हिंदू भाई-भाई। इसके बाद उन्होंने यात्रा में शामिल सभी लोगों को आशीर्वाद दिया और यात्रा आगे बढ़ गई।
पदयात्रा के दौरान कई रंग देखने को मिले। एक भक्त 15 फीट लंबा और 12 फुट चौड़ा केसरिया झंडा लेकर चल रहा था। वह बीच-बीच में झंडे को इस तरह से फहरा रहा था। झांसी के जावन गांव में पदयात्रा निकाल रहे पं. शास्त्री के इंतजार में हाईवे किनारे महिलाएं बैठी दिखीं।