धीरेंद्र शास्त्री बोले- यमुना, गाय और बृज की स्थिति खराब, निकालेंगे 170 किमी. की पदयात्रा
‘भारत को पुन: खंड-खंड करने की तैयारी है। भारत में विदेशी ताकतें सक्रिय हैं। सनातन पर लगातार अंगुली उठा रहे हैं। यमुना, गाय और बृज की स्थिति खराब है। विदेशी ताकतें लव जिहाद, लैंड जिहाद, मूत्र जिहाद, थूक जिहाद के द्वारा लगातार हिंदुओं पर कुठाराघात कर रहे हैं। उसे हटाने के लिए हम यह यात्रा निकाल रहे हैं।
हिंदुओं में भाषावाद, क्षेत्रवाद और जातिवाद को खत्म करने का हमने प्रण लिया है। हिंदुओं को एक करने के लिए ही हम यह यात्रा निकाल रहे हैं। बच्चे दो नहीं चार होने चाहिए। एक संघ के लिए, एक हिंदू राष्ट्र के लिए और दो घर के लिए।’
यह बात बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सोमवार को प्रेसवार्ता में कही। पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक और ‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा निकालने जा रहे हैं। यह पदयात्रा 7 नवंबर को दिल्ली से शुरू होकर 16 नवंबर को वृंदावन पहुंचेगी। करीब 170 किमी की यह पदयात्रा 10 दिन में पूरी होगी। इस पदयात्रा को बागेश्वर-बांके बिहारी मिलन ‘सनातन हिंदू एकता’ नाम दिया है।
उन्होंने कहा- हमें हिंदू राष्ट्र कागजों में नहीं, लोगों के दिलों में चाहिए। हम तलवारों से युद्ध नहीं करना चाहते। हम विचारों का युद्ध करना चाहते हैं। विचारों से परिवर्तन लाना चाहते हैं। कट्टर हिंदुत्व का मतलब किसी को मारना नहीं है। बल्कि गले लगाना है। अपनी संस्कृति को बचाना है।
वृंदावन के कृष्ण कृपा धाम में यात्रा के संबंध में चली बैठक 5 घंटे चली। जिसमें यात्रा के मुद्दों को लेकर संतों,ब्रजवासियों और तीर्थ पुरोहितों ने विचार रखे। बैठक का संचालन मृदुल कांत शास्त्री और मनोज मोहन शास्त्री ने किया। इसमें कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज, BJP सांसद मनोज तिवारी समेत 200 से ज्यादा साधु-संत पहुंचे।
धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा का उद्देश्य लोगों को राष्ट्र के प्रति प्रेरित करना भी है। बैठक में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- शालीनता के साथ पदयात्रा हो। एक-दूसरे का ख्याल रखें, सहयोग भी करें। जब तक सभी सनातनियों को एक माला में नहीं पिरोया जाएगा, तब तक हमारी कोशिश जारी रहेगी।
अखंड भारत, हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए उन्होंने सभी सनातनी प्रेमियों का सहयोग मांगा है। शास्त्री ने कहा- मंदिरों और मस्जिदों में भी राष्ट्रगीत गाया जाना चाहिए। यह पता चल सके कि इस मातृभूमि से किसे प्रेम है और कौन नफरत करता है।
BJP सांसद मनोज तिवारी ने कहा- मैंने आज दिल्ली में अपने सारे कार्यक्रम कैंसिल कर दिए। जनसुनवाई थी, छह बड़ी मीटिंग थी, सब कैंसिल कर दी। मैंने वहां सिर्फ एक लाइन कही कि जो 7 नवंबर से पदयात्रा हो रही, उसके लिए आज वृंदावन में मीटिंग है, जाना होगा। दिल्ली वालों ने इतना सुनते ही कहा- जाओ हम यहां सब संभाल लेंगे।
मनोज तिवारी ने भजन सुनाया- सच्चे मन से… श्रद्धा से… जब भक्त बुलाते हैं… गोविंद चले आते हैं… गोविंद चले आते हैं।
मनोज तिवारी ने सरकार और अपनी तरफ से लोगों से अपील की। उन्होंने चार पंक्तियां गाकर हिंदुओं में हुंकार भरी। कहा-
सत्य सनातन की धारा को और जगाना होगा, अपने-अपने अंदर का हनुमान जगाना होगा।
दिल्ली से चलकर वृंदावन आना होगा, अपने-अपने अंदर का श्रीकृष्ण जगाना होगा।
पदयात्रा में सभी हिंदू समाजों को एकजुट करने के मकसद से अलग-अलग समाजों के महापुरुषों को झांकियां भी होती हैं। पहली पदयात्रा में ऐसे 15 रथ तैयार किए गए थे, जिनमें गोरथ, महापुरुषों के रथ, बागेश्वर बालाजी का रथ, बागेश्वर धाम का संकल्प रथ शामिल रहा। इसके अलावा अपने बालों से 160 किमी तक रथ खींचने वाले बुंदेलखंड के खली बद्री विश्वकर्मा भी साथ चले।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यात्रा को लेकर कहा- देश का हिंदू जाग रहा है। समाज के भीतर मौजूद जातिगत भेदभाव को खत्म कर एकजुट होकर भारत के विकास के लिए आगे आ रहा है। अब दूसरी पदयात्रा का मकसद भी हिंदुओं को जगाना है। भारत को सामर्थ्यवान बनाना है। यही जागृत हिंदू समाज, हिंदू राष्ट्र का निर्माण करेगा।
उन्होंने कहा कि हमें तलवारों के बल पर नहीं, बल्कि विचारों के जरिए सभी सनातनियों में बदलाव लाना है। अलग-अलग पंथों में बंटे सनातन हिंदुओं को कट्टर हिंदू बनाने के लिए यह एकता यात्रा निकाली जा रही है। हम मिशन और विजन लेकर चल रहे हैं। सब हिंदू जात-पात का भेद खत्म करें, यही यात्रा का मुख्य लक्ष्य है।
बैठक में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अलावा BJP सांसद मनोज तिवारी, कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज, संत गिरीशानंदजी महाराज, सुदामा कुटी के महंत सुतीक्ष्ण दास महाराज, राजेंद्रदासजी, गोपेश बाबा, बाबा बलराम दास महाराज, कृष्ण चंद्र शास्त्री, पूरण कौशिक, सत्यामित्रानंद महाराज, श्याम सुंदर गौतम, धीरेंद्र गौतम, मान मंदिर के सुनील सिंह, भैयाजी महाराज सहित 200 से ज्यादा साधु-संत मौजूद हैं।