कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के घर ED की रेड, रांची, हजारीबाग समेत 17 ठिकानों पर छापेमारी
झारखंड में ED ने 17 जगहों पर छापेमारी की है। इनमें बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद के रांची के धुर्वा स्थित आवास पर छापेमारी की गई है। साथ ही बड़कागांव में उनके आवास पर भी टीम पहुंची है। यह छापेमारी कई केस से जुड़ी बताई जा रही है।
रांची के बिरसा चौक में हवाई नगर रोड नंबर 5 में हजारीबाग सदर के सीओ रह चुके शशिभूषण सिंह के घर भी ईडी की छापेमारी चल रही है। घर से 20 लाख कैश मिलने की खबर है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है। फिलहाल शशिभूषण सिंह गोविंदपुर के सीओ हैं।
साथ ही हजारीबाग में विधायक अंबा प्रसाद के करीबी रिश्तेदारों के ठिकानों पर भी कार्रवाई हुई है। इसमें चाचा धीरेंद्र साव, करीबी राजेन्द्र साव और राजू साव के छह ठिकाने शामिल हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक कांग्रेस विधायक के खिलाफ 2023 में ईडी के रांची जोनल ऑफिस में मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायत के आधार पर ईडी के उप निदेशक स्तर के अधिकारी ने झारखंड पुलिस से उनके खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर के बारे में जानकारी मांगी थी।
हजारीबाग में 5 ठिकानों पर रेड
हजारीबाग में पांच ठिकानों पर रेड जारी है। ईडी ने अंबा प्रसाद के रिश्तेदार और करीबियों का मोबाइल तक सीज किया है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने हुडहुडु स्थित विधायक अंबा प्रसाद के घर पर रात एक बजे ही पहुंची थी। आधे दर्जन से अधिक अंबा प्रसाद के सगे संबंधी के घर पर ईडी ने दबिश दी है। इसके साथ ही केरेडारी में भी राजू साव के आवास पर ईडी ने कार्रवाई की है।
हजारीबाग में इसके पहले भी ईडी ने छापेमारी की है, लेकिन यह पहली बार है कि किसी जनप्रतिनिधि के घर हजारीबाग में छापेमारी की जा रही है।
पहले भी सीओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे
शशिभूषण सिंह हजारीबाग के चुरचू में अंचल निरीक्षक थे, प्रमोशन के बाद अंचल अधिकारी बने। फिर हजारीबाग के ही कटमदाग और हजारीबाग सदर में अंचल अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। इस दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। कार्रवाई की जगह उनको धनबाद के गोविंदपुर का अंचल अधिकारी बना दिया गया।
अंबा ने 12वीं की पढ़ाई डीएवी स्कूल, हजारीबाग से पूरी की। 2009-12 में विभावि से एलएलबी की डिग्री हासिल करने के बाद सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से 2012-14 में पीजीडीएम (एचआर) की डिग्री हासिल की। उसके बाद वे सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं। उन्हीं दिनों कफन सत्याग्रह के दौरान उनकी मां निर्मला देवी और पिता योगेंद्र साव को जेल भेज दिया गया, तो अंबा प्रसाद दिल्ली की पढ़ाई छोड़कर हजारीबाग लौट आईं। फिर हजारीबाग कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की और माता -पिता पर दर्ज मुकदमों को उन्होंने खुद देखना शुरू किया।