गोरखपुर-पटना AIIMS डायरेक्टर पर होगी फर्जीवाड़े की FIR,
गोरखपुर-पटना AIIMS के डायरेक्टर डॉ. गोपाल कृष्ण पाल पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा है। गोरखपुर AIIMS के सर्जरी विभाग के HOD डॉ. गौरव गुप्ता ने उनके खिलाफ AIIMS पुलिस को तहरीर दी।
कहा- डायरेक्टर सामान्य वर्ग (ठाकुर) से आते हैं, लेकिन उन्होंने बेटे और बेटी का फर्जी OBC सर्टिफिकेट बनवाए हैं। इसमें सालाना आय 80 लाख के बजाय 8 लाख दिखाया है। डायरेक्टर, उसकी पत्नी प्रभाती पाल और बेटा ओरो प्रकाश पाल इसमें शामिल हैं, इसलिए तीनों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए।
मामला सामने आते ही गोरखपुर से लेकर पटना AIIMS तक हड़कंप मच गया। मामले की जांच शुरू की गई। इसमें पता चला कि डायरेक्टर ने न सिर्फ बेटे के एडमिशन में फर्जीवाड़ा किया, बल्कि बेटी का भी फर्जी OBC NCL सर्टिफिकेट बनवाया। उन्हें पटना AIIMS के फोरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट में सीनियर रेजिडेंट के पद पर जॉइन करवाया।
AIIMS पटना से सीनियर रेजिडेंट के लिए जो नोटिफिकेशन जारी हुआ था। उसमें लिखा था कि IB कैटेगरी का नॉन क्रीमी लेयर का डॉक्यूमेंट रिसेंट यानी एक साल के अंदर का बना होना चाहिए।
इससे यह बात साफ है कि OBC नॉन क्रीमी लेयर में वही स्टूडेंट्स आ सकते हैं, जिनके माता-पिता की सालाना इनकम 8 लाख रुपए से कम हो। जबकि गोपाल कृष्ण पटना-गोरखपुर AIIMS के डायरेक्टर हैं। उनकी पत्नी प्रभाती पाल पुदुचेरी में प्रोफेसर हैं। दोनों की सालाना आय 80 से 90 लाख रुपए के बीच है।
डायरेक्टर के बेटे ओरो प्रकाश ने 27 अप्रैल, 2024 को AIIMS गोरखपुर के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में MD-PG कोर्स के लिए एडमिशन लिया। उन्होंने दानापुर, बिहार के पते से जारी OBC प्रमाणपत्र में आय 8 लाख से कम बताते हुए नॉन-क्रीमी लेयर का शपथपत्र भी दिया।
जब उनके माता-पिता की कुल आय का आकलन किया गया। इसमें पाया गया कि उनके माता-पिता की सालाना आय 80 से 90 लाख रुपए के बीच है, जो शपथपत्र में दिखाई गई आय से मेल नहीं खाती है।
जैसे ही यह मामला सार्वजनिक हुआ। आनन-फानन ओरो पाल की नियुक्ति को ‘निजी कारणों’ का हवाला देते हुए रद्द करवा दिया गया। AIIMS मीडिया प्रभारी अरूप मोहंती ओरो प्रकाश पाल की नियुक्ति पर उठे विवाद को निराधार बताया और मामले को दबाने में लग गए, लेकिन मामला तूल पकड़ लिया।
इसके बाद AIIMS प्रशासन मामले में केस दर्ज कराने में भी जुट गया है। मामला सामने आने के बाद से AIIMS डायरेक्टर सामने नहीं आए हैं। उन्हें मंगलवार को गोरखपुर आना था, लेकिन फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद गोरखपुर नहीं पहुंचे।
बेटों की नियुक्ति कराने पर हटाई गई थीं डायरेक्टर गोरखपुर AIIMS शुरू होने के साथ ही अपने कामों को लेकर नहीं, बल्कि अपने कारनामों को लेकर ही हमेशा चर्चा में रहा है। AIIMS में नियुक्ति और फर्जीवाड़ा का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी AIIMS की पहली डायरेक्टर सुरेखा किशोर भी जनवरी में अपने बेटों की जूनियर रेजिडेंट के पद पर नियुक्ति कराने के आरोपों के चलते अपना पद गंवा चुकी हैं।