दिल्ली में जल प्रलय! घरों में घुसा यमुना का पानी, हजारों लोग बेघर…
दिल्ली में लगातार बारिश और यमुना के उफान से हालात बिगड़ गए हैं. मजनू का टीला, यमुना बाजार, नजफगढ़ और जैतपुर जैसे इलाके जलमग्न हो गए. हजारों लोग बेघर होकर राहत शिविरों और सड़कों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं.
यमुना बाजार पूरी तरह जलमग्न है. यहां एनडीआरएफ की टीमें दिन-रात राहत कार्य में जुटी हुई हैं. स्थानीय लोग बता रहे हैं कि पानी इतनी तेजी से बढ़ा कि उन्हें अपना सामान बचाने तक का मौका नहीं मिला और सबकुछ बह गया.
मजनू का टीला और आसपास के बाजारों में पानी घुस आया. लोग कमर तक पानी में चलकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचे. एनडीआरएफ ने यहां से अब तक 600 से ज्यादा लोगों और दर्जनों पशुओं को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.
एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें लगातार रेस्क्यू में लगी हैं. अब तक सैकड़ों लोग और कई पशु सुरक्षित निकाले जा चुके हैं. लेकिन प्रभावित लोगों का कहना है कि सरकार और एजेंसियों से मदद देर से मिल रही है और जरूरी सामान की भारी कमी है.
नजफगढ़ और जैतपुर में अचानक पानी घुस जाने से पुलिस और एनडीआरएफ ने देर रात सैकड़ों लोगों को बाहर निकाला. कई परिवारों ने शिकायत की कि उन्हें राहत सामग्री और टेंट नहीं मिले, जबकि पहले ऐसी स्थिति में मदद तुरंत पहुंचती थी.
बदरपुर की विश्वकर्मा कॉलोनी पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है. लोग सड़क किनारे तंबू लगाकर रह रहे हैं. डीडीएमए अधिकारियों ने इलाके का दौरा किया, लेकिन मंगलवार शाम पानी का स्तर और बढ़ जाने से हालात और ज्यादा गंभीर हो गए.
पानी ने घरों और पशुशालाओं को घेर लिया. करीब 2,500 लोग और उनके पशु प्रभावित हुए. हालांकि पशुओं को समय रहते बचा लिया गया, लेकिन घरों का सामान बह गया. लोग राहत शिविरों में पहुंचे, पर वहां बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रहीं.
मयूर विहार फेज-1 और यमुना खादर इलाके में पानी घुस जाने के बाद राहत शिविर बनाए गए. लोग कह रहे हैं कि इस बार पानी और भोजन की व्यवस्था समय पर नहीं हो रही. कई परिवार अभी भी खुले आसमान के नीचे ठहरे हुए हैं.
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है. यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है बेघर परिवारों को राहत देना और उन्हें भोजन, पानी और टेंट जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना.