ज्ञानवापी मस्जिद के पूर्व कोर्ट कमिश्नर को जान का खतरा
वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी से बड़ी खबर है. ज्ञानवापी मस्जिद के पूर्व कोर्ट कमिश्नर रहे विशाल सिंह ने अपनी जान को खतरा बताया है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृह विभाग के प्रमुख सचिव को इस बारे में पत्र भी लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि उन्हें समुदाय विशेष से जान का खतरा है. इसलिए मेरी सुरक्षा बहाल की जाए. गौरतलब है कि, पहले सिंह को सुरक्षा मिलती थी, लेकिन बाद में इसे हटा लिया गया. सुरक्षा हटने के बाद सिंह भयभीत हैं. बता दें, ज्ञानवापी विवाद में 18 दिसंबर को सुनवाई होनी है. इससे पहले वाराणसी की जिला अदालत ने 11 दिसंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पूरी करने और उसे जमा करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था.
इस मामले में एक और मोड़ आया है. साल 1991 में ज्ञानवापी मस्जिद हटाने के लिए तीन लोगों ने याचिका दी थी. इन तीन लोगों में शामिल हरिहर पांडे का 10 दिसंबर को निधन हो गया था. 77 वर्ष की उम्र में पांडे ने बीएचयू के सर सुंदर लाल हॉस्पिटल में अपनी अंतिम सांस ली थी. वे लंबे समय से वे बीमार चल रहे थे. ज्ञानवापी मस्जिद को हटाने के लिए याचिका दायर करने वालों में रामरंग शर्मा, सोमनाथ व्यास और हरिहर पांडे शामिल थे. रामरंग शर्मा और सोमनाथ व्यास का निधन काफी समय पहले ही हो गया था. दोनों के निधन के बाद से हरिहर पांडे और सनातन संस्कृति मंच मिलकर लंबे समय से केस लड़ रहे थे.