शुभांशु शुक्ला सहित चार एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष यात्रा के बाद पृथ्वी पर लौट आए
शुभांशु शुक्ला सहित चार एस्ट्रोनॉट 20 दिन अंतरिक्ष यात्रा के बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं। शुभांशु के सकुशल लौटने पर उनका परिवार बेहद खुश है। लखनऊ के सीएमएस स्कूल में माता-पिता ने बेटे की लाइव लैंडिंग देखी।
यह क्षण परिवार के लिए भावुक और गर्व से भर देने वाला वाला था। पिता शंभू दयाल मुस्कराते हुए तिरंगा लहराकर बेटे का हौसला बढ़ा रहे थे। मां आशा रो पड़ीं। उन्होंने शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला के कंधे पर अपना सिर रख दिया।
माता-पिता ने केक काटकर जश्न मनाया। पिता ने कहा, आज का दिन हमारे लिए बहुत बड़ा है। अब हम जल्द से जल्द बेटे से मिलना चाहते हैं। मां आशा ने बताया, बेटा आज दोबारा जन्म लेकर आया है।
अनडॉकिंग से पहले शुभांशु ने कॉल किया
सोमवार शाम 4:30 बजे Axiom Mission-4 के तहत शुभांशु का ISS से अनडॉकिंग शेड्यूल था। उसी से कुछ घंटे पहले उन्होंने अपने माता-पिता को सैटेलाइट कॉल की।
एस्ट्रोनॉट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने जैसे ही ये शब्द कहे, लखनऊ में उनके घर में सभी खुशी से उछल पड़े। शुभांशु सोमवार शाम 4:45 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से पृथ्वी के लिए रवाना हुए थे। करीब 23 घंटे के सफर के बाद ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की दोपहर 3 बजे कैलिफोर्निया के समुद्र में लैंडिंग हुई।
रातभर शुभांशु का परिवार टीवी स्क्रीन और अंतरिक्ष एजेंसी की लाइव फीड से जुड़ा रहा। हर अपडेट के साथ उम्मीदें और घबराहट दोनों बढ़ती रहीं। भगवान पर विश्वास और बेटे की हिम्मत ने उन्हें हौसला दिया। शुभांशु की वापसी की दुआओं में परिवार वालों की पूरी रात कटी। पिता ने मंगलवार सुबह सुंदरकांड पाठ किया।
एस्ट्रोनॉट शुभांशु 26 जून को भारतीय समय के अनुसार शाम 4:01 बजे ISS पहुंचे थे। 25 जून को दोपहर करीब 12 बजे ये रवाना हुए थे। उड़ान और वापसी में कुल 20 दिन लगे। 18
शुभांशु शुक्ला की बहन शुचि मिश्रा ने कहा, भाई वापस आ गए हैं। यह पूरे देश के लिए बहुत गौरव का क्षण है। हम बहुत उत्साहित हैं।
उन्होंने अंतरिक्ष से आई कॉल के बारे में बताया। कहा, ‘अब तक की हर कॉल में हम हंसते थे। बात करते थे, सवाल पूछते थे, लेकिन इस बार जैसे सभी ने चुप रहने का मन बना लिया था। मां की आंखों से लगातार आंसू बहते रहे। मां कुछ बोल भी नहीं पाई। बस उसकी आवाज सुनी और रोती रही।
वो जानता था कि मां रो रही हैं, लेकिन फिर भी शांत रहा। हमें ढांढस देता रहा। कहता रहा कि सब ठीक होगा। शुभांशु की वापसी को परिवार पुनर्जन्म के तौर पर देख रहा है। बहन शुचि कहती हैं, ‘जैसे वो पृथ्वी से किसी और ही दुनिया में गए और अब वापस लौटे हैं। नए अनुभवों और यादों के साथ। जैसे वो फिर से जन्म लेकर आए हों।’