90 साल के बुजुर्ग के गुम हुए रूपये को वापिस लौटाकर दिया इंसानियत का मैसेज
बल्देवगढ़ (रोहित रजक), वैसे तो कहने को हमारे और तुम्हारे लिए ये पैसे बहुत ही कम है 420 रुपए, लेकिन इन दादा के लिए यह पैसे कहीं चार लाख से भी ज्यादा है 90 साल की उम्र में इन ₹420 का महत्व दादा समझ सकते हैं जो कि उन्होंने इन पैसों को अपने घर पर छोटी सी दुकान रखकर तथा बीड़ी इत्यादि बेचकर बचाया है
इन वृद्ध पुरुष दादा का नाम नवल किशोर रजक है जो की बधा के रहने वाले हैं तथा उनकी उम्र 90 बरस है दादा गांव में अकेले रहते हैं तथा छोटी सी दुकान रखकर अपना खर्चा निकालते हैं आज qyuosk पर अपनी वृद्धा पेंशन चेक कराने आए तो रास्ते में उनकी कुर्ता की फटी हुई जेव से एक पॉलिथीन में रखे हुए ₹420 गिर गए जो कि गांव के ही वृद्ध पुरुष श्री जमुना प्रसाद को मिले जिन्होंने अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुए पुलिस चौकी बंधाजी आकर दिए जिस प्रकार से पैसे रखे हुए थे उन्हें देखकर यह तो पता लग गया था कि यह पैसे किसी वृद्ध पुरुष या महिला के ही हो सकते हैं क्योंकि पुराने समय के लोग ही पैसे इस प्रकार रखते हैं पता लगाया गया कि पैसे किन के गिरे हैं लोगों से पूछा तो उन्होंने बताया अभी रास्ते में एक वृद्ध महिला और वृद्ध पुरुष गए हैं दादा धीरे-धीरे अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रहे थे रास्ते में दादा को रोक कर दादा से पूछा दादा तुम्हारे पैसे तो नहीं गिरे हैं
दादा ने अपने हाथ में लिए हुए कुर्ते की जेव को देखा पैसों की पॉलिथीन जेव में न देखकर दादा व्याकुल हो गया तथा वहीं जमीन पर बैठ गया और इधर-उधर नजर करने लगा मैंने पूछा दादा क्या हुआ तो दादा ने बताया कि पॉलिथीन में 420 रुपए रखे थे जो कि इस फटी हुई जेव में से कहीं गिर गए हैं जब दादा ने पैसों की गिनती बताई तो यह तो समझ में आ गया कि पैसे दादा के है दादा को मैं अपने साथ चौकी पर लाया तथा पैसे दादा को वापस दिए पैसों को लेकर दादा बहुत खुश हुआ वह खुशी 90 साल की उम्र में देखने लायक थी हमारे तुम्हारे लिए भले ही उन ₹420 का कोई महत्व नहीं था लेकिन उन वृद्ध दादा के लिए तो वह एक जीने की उम्मीद थी

