गाजियाबाद पुलिस ने साइबर ठगी के 347 बैंक खातों का किया पर्दाफाश
गाजियाबाद: जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ी है साइबर ठग उतने ही शातिर होते जा रहे हैं. लेकिन इस बार मामला थोड़ा उलट है. दरअसल, साइबर ठगी की जांच कर रही गाजियाबाद की पुलिस ने जिलेभर में ऐसे 347 बैंक खातों की पहचान की है, जिनमें ठगी की रकम का लेनदेन हुआ है. इनमें 31 ऐसे खाताधारक हैं जो ठगों को खुद का खाता कमीशन लेकर इस्तेमाल के लिए दे रहे थे और इनसे 25 लाख को मोटी रकम का लेनदेन हुआ है. फिलहाल, पुलिस ने इनपर केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.
बैंक कर्मियों की मिलीभगत
वहीं इसमें बैंक कर्मियों की मिलीभगत की बात भी सामने आ रही है, क्योंकि शुरुआती जांच में मालूम चला है कि खाता खोलने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल हुआ है.
एडीसीपी क्राइम पीयूष कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक पुलिस एक साइबर अपराधी को पकड़ने के लिए उसी का खाता खंगालती थी, लेकिन अब पुलिस ऐसा न करके हर उस बैंक खाते की जांच और पहचान करना शुरू कर दिया है जिनमें ठगी की रकम आती है.पुलिस ने पहले चरण में कोटक महिंद्रा बैंक के खातों को खंगाला है. जिसमें मालूम चला कि ठगों ने कोटक महिंद्रा बैंक के कुल 347 खातों का इस्तेमाल किया है. इनमें वह खाते भी पकड़ में आ गए जिनका इस्तेमाल ठगों ने खरीदारी करने के लिए किया है. अब पुलिस लोगों का पता लगा रही है जिनमें ठगों ने खरीदारी करने के लिए पैसे भेजे हैं.
बता दें कि पहचान किए 31 खातों में गाजियाबाद, बरेली, बिहार, गुजरात, राजस्थान जैसे कई प्रदेशों और शहरों के नाम शामिल हैं. फिलहाल, इस संबंध में पुलिस ने ठगों को खाता किराया पर देने वाले हापुड़ जिले के गांव मतनावली, थाना कपूरपुर निवासी आशीष राणा को गिरफ्तार किया है.
आरोपित ने 14 बैंक खाते किराए पर दिए हुए थे और इसके बदले में आरोपित, ठगी की रकम में से 20 प्रतिशत कमीशन लेता था. आशीष से पूछताछ के बाद ठगी करने वाले हापुड़ जिले के ही गांव कमरुद्दीन नगर निवासी प्रिंस शर्मा को गिरफ्तार किया है. यह इन खातों का प्रयोग ठगी के लिए कर रहा था. आशीष 12 वीं पास है, तो वहीं प्रिंस ने बीबीए किया है.