google-site-verification=aXcKQgjOnBT3iLDjEQqgeziCehQcSQVIW4RbI82NVFo
Hindi News LIVE

महाकुंभ की महिमा…इस नाविक ने 45 दिन में कमाए 30 करोड़!

प्रयागराज: महाकुंभ में जहां 45 दिनों में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई, वहीं स्थानीय लोगों ने भी अपने रोजगार के विभिन्न उपायों से खूब कमाई की. चाहे मास्क बेचने वालों की बात हो, दातुन बेचने वालों की या फिर नाविकों की, सभी ने अच्छा लाभ कमाया. लेकिन इनमें से सबसे अलग कहानी एक नाविक की रही, जिसने 45 दिनों के भीतर 30 करोड़ रुपए कमा लिए. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के बजट सत्र में इस नाविक परिवार की सक्सेस स्टोरी का जिक्र किया, जो प्रयागराज के अरैल का रहने वाला है.

45 दिन में 30 करोड़
विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सीएम योगी ने अचानक से प्रयागराज के एक नाविक का जिक्र किया, जिसके पास 130 नावें थीं और जिसने महाकुंभ के दौरान 45 दिनों में 30 करोड़ रुपए कमा लिए. यह नाविक है प्रयागराज के अरैल इलाके के रहने वाले पिंटू महरा. त्रिवेणी संगम के किनारे बसे अरैल गांव के इस नाविक के एक फैसले ने पूरे परिवार की जिंदगी बदल दी. जब महाकुंभ खत्म हुआ, तो पिंटू करोड़पतियों की कतार में शामिल हो गया.

सुधर जाएगा पीढ़ियों का जीवन
पिंटू महरा का कहना है कि उसने 2019 में योगी सरकार के दिव्य और भव्य कुंभ में नाव चलाई थी. उस कुंभ के अनुभव से उसे अंदाजा हो गया था कि इस बार के महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ कहीं अधिक होगी. इसी कारण उसने महाकुंभ से पहले अपने पूरे परिवार के लिए 70 नई नावें खरीदीं. पहले से ही उसके सौ से अधिक सदस्यों वाले परिवार के पास 60 नावें थीं. इस तरह 130 नावों को उसने महाकुंभ में उतार दिया, जिससे उनके परिवार को इतनी बड़ी कमाई हुई कि अब कई पीढ़ियों का जीवन स्तर बेहतर हो जाएगा.

पिंटू के परिवार की महिलाओं ने महाकुंभ में नाव खरीदने के लिए अपने जेवर बेच दिए और कुछ को गिरवी भी रख दिया. महाकुंभ के बाद इसका नतीजा सामने आया. पिंटू बताते हैं कि न सिर्फ उनके परिवार को बल्कि आसपास के हजारों नाविकों की जिंदगी भी इस महाकुंभ ने बदल दी. जिन्होंने भी कर्ज लेकर नावें खरीदीं, वे अब लखपति बन चुके हैं.

पिंटू की मां, शुक्लावती देवी, भावुक होते हुए बताती हैं कि उनके पति की मौत के बाद आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी.पूरा परिवार परेशान था, लेकिन महाकुंभ उनके लिए संकटमोचक बनकर आया. योगी सरकार ने जिस तरह से महाकुंभ का आयोजन कराया, उससे इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी में डुबकी लगाने आए और उसी से उनकी कमाई हुई.

Umh News india

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *