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गोरखपुर : योगी बोले-मुस्लिम युवक हिंदू बनकर संत की हत्या करने आए, मैंने उन्हें उम्रकैद दिलवाई

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को गोरखपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल हुए। योगी ने यहां धर्मांतरण केस में 11 सितंबर को मौलाना सहित अन्य दोषियों को हुई उम्रकैद की सजा का जिक्र किया।

योगी ने कहा- अभी 3 महीने पहले कोर्ट ने एक कुख्यात मौलवी और उसके साथ के 7 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सजा इसलिए नहीं हुई कि वो मौलवी था…। योगी ने धर्मांतरण और उसके बाद हुई सजा की पूरी कहानी सुनाई।

योगी ने कहा- घटना 2019-20 की है। मेरे पास एक रिपोर्ट आई। एक मंदिर में एक संत से मिलने के लिए दो युवक जा रहे थे। जांच हुई, तो उनके पास एक सामान्य ब्लेड मिली। उनसे पूछताछ कर छोड़ दिया गया। मैंने संत के बारे में डिटेल ली और पूछा कि दोनों युवक कौन थे?

संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक और DGP से पूछा। पता चला कि दोनों हिंदू युवक थे। उनके पास एक सर्जिकल ब्लेड थी। 2 इंच की यह ब्लेड बहुत शॉर्प होती है। ये इतनी खतरनाक होती है कि किसी के गले पर कट लगा दें, तो आसानी से उसकी मौत हो जाए।

योगी ने कहा- मैंने पुलिस अफसरों से कहा कि इतने खतरनाक इरादे से जा रहे लोगों को आप हल्के में ले रहे हैं। मैंने उनके नाम-पते चेक करने को कहा, मतलब नाम सही है या गलत। एक ने दिल्ली, तो दूसरे ने हैदराबाद का एड्रेस बताया। मैंने कहा कि दोनों जगह मालूम करके डिटेल करो।

पुलिस हर बार पूछताछ कर उन्हें छोड़ती रही। तीसरे दिन पता चला कि दिल्ली के बाटला हाउस में किसी व्यक्ति से इनके संपर्क हैं। बाटला हाउस का नाम आते ही मैं चौकन्ना हो गया। क्योंकि बाटला हाउस वही जगह है, जहां 2008 में आतंकी से मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर शहीद हुए थे।

मैंने पुलिस अफसरों से कहा कि बाटला हाउस में ये युवा जाते हैं, तो हिंदू नहीं हैं। पुलिस पूछताछ में उन्होंने सच कबूला। वो दोनों सर्जिकल ब्लेड लेकर एक संत की हत्या करने गए थे। हमने पुलिस अफसरों से कहा कि बाटला हाउस में जिस व्यक्ति के पास जाते थे, उनसे पूछताछ करो।

पुलिस अफसरों की पूछताछ में बाटला हाउस के उस व्यक्ति ने अपना नाम जो बताया, उससे शक हुआ। उसके सभी सामान की जांच हुई। फिर वह पकड़ में आया। जांच में खुलासा हुआ कि वह बड़ा रैकेट चलाता था। उसके निशाने पर मूक-बधिर बच्चे थे।

इस केस की कार्रवाई में योगी के पास 2 शिकायतें आईं…

1. सबसे पहले हमारे पास गुरुग्राम से शिकायत आई। उसने बताया कि साहब, हमारा बच्चा मूक-बधिर था, जो दिल्ली की एक संस्था में पढ़ाई करता था। उसे जबरन इस्लाम स्वीकार करा दिया गया।

2. एक और शिकायत कानपुर से आई। मूक-बधिर बच्चा दिल्ली की उसी संस्था में पढ़ता था। कोरोना काल में जब वह घर आया तो दिन में कुछ नहीं खाता था। रात में उसे जो भोजन दिया जाता, उसे वह नहीं खाता था। रख लेता और सुबह 4 बजे खाता। इस पर मां को शक हुआ। मां ने छिपकर देखा, तो वह नमाज पढ़ता था।

बाटला हाउस की संस्था स्मार्टफोन से बच्चों को ट्रेनिंग दे रही थी योगी ने कहा- जांच में पता चला कि बाटला हाउस से संचालित एक संस्था ऐसे बच्चों को स्मार्टफोन देकर बरगला रहा था। स्मार्टफोन के जरिए कोड-वर्ड में बाटला हाउस की संस्था ऐसे मूक-बधिर बच्चों को ट्रेनिंग देती थी और धर्मांतरण करा रही थी। इसी केस का पर्दाफाश हम लोगों ने किया। ऐसे 500 परिवारों को उस संस्था ने अपनी चपेट में लिया था। इसी केस में 3 महीने पहले कोर्ट ने 7 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

योगी ने कहा- आपके ही बीच में छद्म रूप में छिपे लोग धर्मांरतण करा रहे हैं। इस पर लगाम लगाना समाज के प्रबुद्धजन और समाज से जुड़े जागरूक नागरिक का होना जरूरी है। ऐसा ही काम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसी संस्था भी कर रही है।

ABVP के अधिवेशन में इस साल के यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार की घोषणा की गई। यह पुरस्कार श्रवण दिव्यांगजनों (मूक-बधिर) में कौशल विकास और शिक्षा के माध्यम से जीवन उद्देश्य और उत्साह उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए महाराष्ट्र के ठाणे के दीपेश नायर को दिया गया।

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में हुए तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की संगठनात्मक संरचना के अनुसार, देशभर के 44 प्रांतों और मित्र राष्ट्र नेपाल से 1500 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस राष्ट्रीय अधिवेशन में शिक्षा, समाज, पर्यावरण, संस्कृति आदि विषयों पर देशभर से आए विद्यार्थी, प्राध्यापक और शिक्षाविदों ने विमर्श किया।

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