लखनऊ : 1 करोड़ का हार्ट ट्रांसप्लांट मात्र 5 लाख में होगा, PGI हॉस्पिटल में होगी सर्जरी
यूपी का टॉप मेडिकल संस्थान SGPGI (संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान) जल्द ही हार्ट ट्रांसप्लांट करने जा रहा है। संस्थान के हार्ट सर्जरी डिपार्टमेंट (CVTS) के डॉक्टर्स ने इससे जुड़ी सभी तैयारियां कर ली हैं।
यह सर्जरी महज 5 लाख रुपए में संभव होगी। निजी संस्थानों में इसका खर्च 1 करोड़ रुपए तक है। उत्तर प्रदेश में फिलहाल हार्ट ट्रांसप्लांट की सुविधा कहीं और नहीं है। ऐसे में कहा जा सकता है कि SGPGI इतिहास रचने जा रहा है।
SGPGI के CVTS डिपार्टमेंट के प्रमुख और देश के दिग्गज हार्ट सर्जन प्रो. एसके अग्रवाल ने बताया- यूपी के 3 मरीज हार्ट ट्रांसप्लांट के इंतजार में है। यूपी के डोनर हार्ट न मिलने की वजह से इसमें देरी हो रही है। ऐसे में हमें देश के अन्य राज्यों से हार्ट मिलने की आस है। सूटेबल हार्ट मिलते ही मरीज की हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी की जा सकेगी।
हमारा पहला टारगेट, अभी जो करीब 1000 सर्जरी हर साल में हम कर रहे हैं, इसकी संख्या डेढ़ से 2 हजार के बीच तक ले जाना चाहते हैं। इस पहल से हमारी वेटिंग लिस्ट बेहद कम हो जाएगी।
दूसरा, कंजेनाइटल हार्ट डिजीज को लेकर एक अलग से सेंटर बन रहा है। इसके बनने से हम हर साल 1000 से ज्यादा सर्जरी बच्चों की अलग से कर पाएंगे।
इसके अलावा तीसरा, हम अपने यहां मिनिमल एक्सेस और रोबोटिक सर्जरी को रूटीन में करना चाहते हैं, जिससे कि हर हफ्ते 5 से 10 ऐसी सर्जरी कर सकें।
चौथा, हार्ट फेल्योर थेरेपी को विभाग में इस्टेब्लिश कर सकें। इसके तहत वेंट्रीकुलर एसिस्ट डिवाइस के जरिए हार्ट फैलियर की कंडीशन के मरीजों को नया जीवन दिया जाना है। हार्ट ट्रांसप्लांट लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट से बिल्कुल अलग होता है। जहां एक तरफ लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट के दौरान जीवित व्यक्ति भी अपना अंगदान कर सकता है। जबकि हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए कैडेबर या ब्रेन डेड डोनर ही काम आता है।