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Crime News

कानपुर : मोबाइल पर पोर्न देखते हो…जेल नहीं जाना तो रुपए भेजो, ठगी

‘हैलो! मैं कानपुर से DCP क्राइम अतुल श्रीवास्तव बोल रहा हूं। तुम्हारे गूगल क्रोम का डेटा एनालिसिस पुलिस ने किया। हिस्ट्री से पता चला है कि तुम मोबाइल पर बहुत पोर्न वीडियो देखते हो। तुम्हारे खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है। पुलिस तुम्हारे घर आ रही है। अगर बचना चाहते हो, तो इस नंबर पर 50 हजार भेज दो। पैसे भेजने के बाद अपना एक माफीनामा भी भेज देना।’

ऐसा फोन श्रावस्ती में रहने वाले प्रमोद कुमार के पास आया। उन्होंने कानपुर पुलिस से शिकायत की। 17 दिसंबर को पुलिस ने केस दर्ज कर जांच की। 18 दिसंबर को कानपुर क्राइम ब्रांच ने 2 भाइयों समेत 5 साइबर जालसाजों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया।

इन लोगों ने कानपुर देहात के खेत में ठिकाना बना रखा था। डीसीपी ने बताया कि आरोपी सोमवार से शुक्रवार तक 10 से 5 बजे तक लोगों को ठगते थे। शनिवार और रविवार को मौज-मस्ती करने के लिए कानपुर और झांसी की तरफ निकल जाते थे।

ठगों ने UPI से 46 हजार ट्रांसफर कराए डीसीपी क्राइम अतुल श्रीवास्तव ने गुरुवार इस पूरे मामले का खुलासा किया। बताया- प्रमोद कुमार के पास करीब एक महीने पहले फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को कानपुर साइबर क्राइम टीम का अधिकारी बताया। उसने कहा कि तुम पोर्न वीडियो देखते हो। तुम्हें जेल भेजा जाएगा। यह सुनकर प्रमोद घबरा गया।

प्रमोद ने माफी मांगी और कहा कि अब वह ऐसा कभी नहीं करेगा। ठग ने कहा कि अगर बचना चाहते हो UPI के जरिए 50 हजार रुपए भेज दो। प्रमोद ने कहा कि मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं। इस पर ठग ने कहा कि जितने हैं, उतने कर दो। इसके बाद प्रमोद ने 46 हजार ट्रांसफर कर दिए।

कुछ दिनों बाद प्रमोद ने अपने परिचित को इस घटना के बारे में बताया। परिचित ने प्रमोद को बताया कि तुम्हारे साथ ठगी हुई है। इसके बाद प्रमोद ने कानपुर साइबर क्राइम टीम से संपर्क किया। पुलिस ने 17 दिसंबर को प्रमोद की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया।

पुलिस ने 2 भाइयों समेत 5 को पकड़ा पुलिस ने जांच की तो पोर्न वीडियो देखने के नाम पर 7 लोगों से ठगी की बात पता चली। खास बात यह थी कि ठगों की भाषा कानपुर से काफी मैच कर रही थी। इसके बाद साइबर क्राइम टीम अलर्ट हो गई। गुरुवार को साइबर क्राइम टीम ने कानपुर देहात के गजनेर मन्नहापुर में रहने वाले दो सगे भाइयों सुरेश-दिनेश, दुर्गापुरवा के नारायणपुर में रहने वाले पंकज सिंह और कानपुर के बर्रा- 2 निवासी अमन विश्वकर्मा व विनय सोनकर को गिरफ्तार किया।

डीसीपी क्राइम ने बताया- शातिरों ने कानपुर देहात के जंगल और खेतों में अपना डेरा बना रखा था। वो खेत के अलग-अलग कोने में बैठकर लोगों को कॉल करते थे। जब कोई उनके जाल में फंस जाता था, तो अधिकारी से बात कराने के नाम पर खेत में बैठे दूसरे साथी से बात कराते थे।

इस दौरान उनके अन्य साथी मोबाइल में डाउनलोड MP-3 से पुलिस के सायरन और गाड़ियों के हॉर्न की आवाज बजाना शुरू कर देते थे। इससे पीड़ित को लगता था कि पुलिस उसके घर पहुंच रही। इसके बाद शातिर उनसे रकम ऐंठ लेते थे। आरोपी पीड़ितों से क्यूआर कोड, यूपीआई आईडी या ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर कराते थे।

डीसीपी अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में पंकज सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा है। उसने बीए पास किया है। अमन और विनय इंटर पास हैं। सुरेश 8वीं तक पढ़ा है। ये लोग पुलिस अधिकारियों की तैनाती जानने के लिए न्यूजपेपर और सोशल मीडिया पर जारी पुलिस गश्ती को पढ़ते थे। इसके बाद कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारी बनकर लोगों से ठगी कर रहे थे।

गैंग के कुछ आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। डीसीपी क्राइम अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपियों ने मेरा नाम लेकर भी ठगी की है। क्राइम ब्रांच की टीम ने डेटा एनालिसिस कर आरोपियों को पकड़ा है।

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