बीजेपी और कांग्रेस ने कितनी बार बदला संविधान? अमित शाह ने दिया सारा जवाब
दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर हुई चर्चा का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के लिए संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि वंचितों के कल्याण और राष्ट्र निर्माण की मूल प्रेरणा है. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने शासनकाल में संविधान में संशोधन किए हैं.
अमित शाह ने अपने भाषण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी जमकर किया. उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा ‘खुद को युवा कहने वाले 54 वर्षीय नेता संविधान लेकर घूमते हैं और दावा करते हैं कि हम संविधान बदल देंगे, लेकिन सच्चाई यह है कि संविधान में संशोधन संविधान द्वारा ही प्रदान किया गया है.’
गृह मंत्री शाह ने कहा, ‘हमारे संविधान को कभी अपरिवर्तनशील नहीं माना गया है, परिवर्तन जीवन का मंत्र है. आर्टिकल 368 में संविधान संशोधन के लिए प्रावधान किया गया है. कुछ नेता 54 साल की उम्र में खुद को युवा कहते हैं. वह कहते रहते हैं कि संविधान बदल देंगे. संविधान बदल देंगे. संविधान बदल देंगे.’
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘बीजेपी और काग्रेस दोनों ने (संविधान में) परिवर्तन किए. बीजेपी ने 16 साल राज किया, 16 साल में हमने 22 बार संविदान में परिवर्तन किया. कांग्रेस ने 55 साल में 77 परिवर्तन किए.’
उन्होंने कहा, ’18 जून 1951 में संविधान संभा को ही संसोधन करना पड़ा. तब लोकसभा और राज्य सभा नहीं बने थे. संविधान में 19ए जोड़ा गया. वह किसलिए जोड़ा गया, अभिव्यक्ति की आजादी पर लगाम लगाने के लिए पहला सुधार आया. उस वक्त पीएम कौन थे? नेहरू जी थे. 24वें सविधान संशोधन के समय पीएम इंदिरा गांधी थीं. 5 नंबवर 1971 में इस संविधान संसोधन के माध्यम से नागरिकों के मौलिक अधिकार कम करने का अधिकार संसद को दिया गया. फिर 42वें संशोधन से लोकसभा का कार्यकाल 5 से बढ़ाकर 6 साल कर दिया. इतनी निर्लजता के साथ विश्व में कोई संशोदन नहीं हुआ होगा.’