हजरत साहब ने श्रीराम को इमाम-ए-हिंद कहा, तो हमारी क्या औकात है? : इमरान मसूद
सहारनपुर, ”हम श्रीराम को मानने वाले हैं। हम श्रीराम के वंशज है। श्रीराम सभी की आस्था का प्रतीक है। इस देश के कण-कण में राम बसते हैं, तो इनके अस्तित्व को कैसे नकार सकते हैं। राम किसी एक के नहीं सभी के हैं। सभी की उत्पत्ति एक से हुई, तो अलग-अलग कैसे हो गए?” यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इमरान मसूद ने शुक्रवार को सहारनपुर में कही।
उन्होंने कहा, ”हजरत अल्लामा इकबाल ने राम को इमाम-ए-हिंद कहा है। आस्था पर सवाल क्यों? भगवान को लाने वाला कोई नहीं है, भगवान सभी को लाते हैं। प्राण प्रतिष्ठा में तो शंकराचार्य जी ने भी जाने से मना कर दिया है। भगवान एक हैं, बस सभी के मानने का तरीका अलग-अलग है। भगवान श्रीराम कहां मिलेंगे?”
डॉ. हरिहोम पंवार की एक कविता सुनाते हुए इमरान मसूद ने कहा, मर्यादा से जीने में मिलेंगे राम। सीता की पावनता में मिलेंगे राम और हनुमान की भक्ति में मिलेंगे राम। हम सब हजरत अल्लामा इकबाल की औलाद हैं। वसुधैव कुटुम्बकम यानी पूरा विश्व एक परिवार है। पूरी मानव जाति एक ऊर्जा से उत्पन्न हुई है। परमात्मा एक है। जब समुद्र एक है, तो उसकी बूंद अलग-अलग कैसे हो गई?
उन्होंने कहा, ”हजरत अल्लामा इकबाल ने लिखा था कि श्रीराम इमाम-ए-हिंद है, तो इमरान मसूद की क्या औकात है? वह कुछ बोल दे श्रीराम के बारे में। मैंने वही बात कही, जो सच है। श्रीराम किसी पार्टी विशेष का पेटेंट थोड़े ही नहीं हो गए हैं। श्रीराम सबके मन में हैं। जिसके मन में हैं, वह उनको मानता है।”
इमरान ने कहा, ”ईश्वर को मानने के सभी धर्म के लोगों के तरीके हो सकते हैं। लेकिन, मेरा मजहब कहता है कि किसी के धर्म को बुरा मत कहो। जो कुरान कह रहा है, तो मैं कौन हूं इस पर बात करने वाला? श्रीराम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बन रहा है। सभी कोर्ट के आदेश को मानने का काम किया है।”
उन्होंने कहा, “एक पार्टी विशेष ऐसे प्रचारित कर रही है, जैसे वही सब कर रही है। जैसे वही राम को लाए हैं। इनको कितना घमंड है। भगवान को लाने वाला कौन हो सकता है? भगवान तो सबको लाने वाले हैं। अयोध्या जाने के सवाल पर इमरान ने कहा, ”जब अयोध्या में जाने से बहुत सारे शंकराचार्य ने मना कर दिया, तो हमसे सवाल करने का मतलब ही नहीं है। मैंने सच बोला है।”