बंगाल की खाड़ी में गरजेंगे भारत और रूस के युद्धपोत तो छटपटा उठेगा चीन!
दिल्ली: भारत और रूस की नौसेनाएं मिलकर बंगाल की खाड़ी में Indra Exercise 2025 कर रही हैं. इसका पहला फेज 28 से 30 मार्च तक चेन्नई में हुआ और अब 31 मार्च से 2 अप्रैल तक बंगाल की खाड़ी में दूसरा फेज चलेगा. इस एक्सरसाइज का मकसद दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच कोऑर्डिनेशन बढ़ाना और समुद्री सिक्योरिटी को मजबूत करना है. इस एक्सरसाइज को हिंद महासागर में चीन की चालबाजियों पर लगाम कसने में काफी अहम माना जा रहा है.
इस बार Indra Exercise में क्या नया?
समुद्री फेज में वॉर गेम्स, लाइव फायरिंग, एंटी-एयर ऑपरेशन, हेलिकॉप्टर क्रॉस-डेक लैंडिंग और सी-राइडर्स एक्सचेंज जैसे कई हाई-लेवल ऑपरेशन्स होंगे. इसमें भारत के INS राणा, INS कुथार और P-81 मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट शामिल हैं, जबकि रूस की ओर से पेचंगा, रेज्की और अलदार त्सिडेंझापोव पार्टिसिपेट कर रहे हैं.
डिफेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक, यह इस एक्सरसाइज का 14वां एडिशन है और यह दोनों देशों के स्ट्रॉन्ग मैरीटाइम रिलेशन को दिखाता है. साथ ही, हिंद महासागर में भारत-रूस के बढ़ते इन्फ्लुएंस का भी इशारा देता है, जिससे चीन का टेंशन बढ़ सकता है.
चीन क्यों परेशान है?
भारत पिछले साल मालाबार एक्सरसाइज में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ इंडो-पैसिफिक रीजन में अपनी पकड़ मजबूत कर चुका है. अब रूस के साथ ये वॉर ड्रिल चीन के लिए सिरदर्द बन सकती है.
चीन की ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ पॉलिसी पर असर: चीन ने हिंद महासागर में कई देशों के पोर्ट्स पर कब्जा जमाने की कोशिश की है, लेकिन भारत-रूस का ये मूव उसे सीधे टारगेट कर रहा है.
रूस-चीन रिलेशन पर इम्पैक्ट: रूस और चीन पिछले कुछ सालों में करीब आए हैं, लेकिन रूस का भारत के साथ इतना डीप मिलिट्री कोऑपरेशन चीन को पसंद नहीं आएगा.
भारत की नेवल पावर का डेमोंस्ट्रेशन: इस एक्सरसाइज से हिंद महासागर में भारत की स्ट्रॉन्ग प्रेजेंस का मैसेज जाएगा और चीन की ‘दादागिरी’ पर रोक लगेगी. भारत और रूस की ये दोस्ती हिंद महासागर में पावर बैलेंस चेंज कर सकती है.