खुर्जा में बढ़ता प्रदुषण जिले का एक्यूआई 242 तक पहुंचा, मैरिज होम में लगे जनरेटर भी फैला रहें धुंआ
खुर्जा। नगर में दीवाली के बाद से प्रदुषण लगातार बढ़ रहा है। जिले का एक्यूआई भी 242 के आसपास पहुंच चुका है। वही नगर में लगे जनरेटर भी धुंआ फैलाकर लोगो की सांस और आंख में परेशानी खड़ी कर रहे है। एनजीटी के आदेश को खुलेआम जनरेटर संचालक धंज्जिाया फैला रहे है।
पाॅटरी नगरी के ज्यादातर मैरिज होम और धर्मशालाओ के बाहर प्रतिबंध किए गए जनरेटर सेट लगाए गए है। जिन्हें मिट्टी के तेल से चलाकर और अधिक धुंआ फैलाया जा रहा है। जिससे लोगो के स्वास्थ भी गंभीर असर पड़ रहा है। एनजीटी के आदेश है कि ऐसे धुंआ वाले जनरेटर सेट को बंद किया जाये लेकिन लाइट वाले जनरेटरों को सस्ते दामों पर खरीद कर धर्मशालाओं और मैरिज होम में लगा रहे है। यह जनरेटर जब से चलते है जब तक बंद नहीं होते है तब तक खरनाक काला धुंआ छोड़ते रहते है। जिसकारण से लोगो को सांस लेने में दिक्कत होती है।
बुलन्दशहर के पाॅल्युसन विभाग का इस और ध्यान नहीं देने पर जनरेटर संचालको के होसले बुलन्द है। अगर विभाग जांच करें तो ज्यादातर जनरेटर मैरिज होम में खड़े मिल जायेगे और या लाइट वालो के गोदामो में खडे हुए है।
नगर पालिका ने इस बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एंटी स्मोक गन को शहर में तैनात किया है। नगर पालिका की चेयरपर्सन अंजना सिंघल ने बताया कि धूल उड़ने वाले क्षेत्रों में पानी का छिड़काव कराया गया है और प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास जारी हैं। हालांकि, फिलहाल प्रदूषण नियंत्रण में नगर पालिका पूरी तरह से असफल साबित हो रही है, जिससे शहरवासियों की परेशानी बढ़ गई है।
खुर्जा अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि प्रदूषण के कारण आंखों में जलन और खुजली के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है।