भारत में घुसना चाहते थे बांग्लादेशी, पश्चिम बंगाल के किसान लाठी-डंडा लेकर भिड़ गए
पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश बॉर्डर पर बड़ा हंगामा हुआ. बाड़ न होने से सैकड़ों की संख्या में बांग्लादेश के किसानों ने भारत में घुसने की कोशिश की. फसल काटकर ले जाने की कोशिश की. लेकिन तभी यह बात वहां के किसानों को पता चल गई और फिर वे लाठी-डंडा और बखुआ लेकर बॉर्डर पर खड़े हो गए. उन्हें खदेड़कर ही दम लिया. बाद में बीएसएफ और बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड ने किसानों को अलग किया. बाद में बीएसएफ ने साफ किया कि दोनों देशों के जवानों के बीच कोई तनाव नहीं है.
बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड मालदा के शुकदेवपुर बॉर्डर पर बीएसएफ को कंटीले तारों की बाड़ लगाने से लगातार रोक रही है. दिसंबर से इसे लेकर तनाव है. कुछ दिनों तक स्थिति सामान्य रहने के बाद शनिवार को यहां फिर बवाल हो गया. बांग्लादेशी आतंकी, बदमाश और रोहिंग्या लाठी डंडे, चाकू और हथियारों के साथ भारतीय इलाके में घुसने की कोशिश कर रहे थे. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि उन्होंने कुछ किसानों की फसलें लूट लीं. आम के पेड़ काट डाले.
जब ग्रामीणों को इस बात की जानकारी हुई तो वे भी मोर्चे पर डट गए. वे भी लाठी-डंडा लेकर बॉर्डर पर पहुंच गए. दोनों में जमकर झड़प हुई. स्थानीय लोगों ने बताया कि बांग्लादेशियों ने पत्थर भी फेंके. धारदार हथियारों से हमला करने की कोशिश की. मीडिया रिपोर्ट की माने तो बांग्लादेश की तरफ से गैस बम फेंके गए. इसके बावजूद ग्रामीण पीछे नहीं हटे. बाद में बीएसएफ ने मोर्चा संभाला और आंसू गैस के गोले छोड़कर बांग्लादेशियों को वहां से भगाया. इससे सीमा पर तनाव बना हुआ है.
शनिवार की घटना को लेकर सुरक्षाबलों ने कहा, यह दोनों पक्षों के किसानों के बीच हुई बहस थी. बाद में उन्होंने उपद्रव किया. बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड और बीएसएफ ने मिलकर दोनों ओर के किसानों को कंट्रोल किया. बीएसएफ और बीजीबी के बीच इसे लेकर कोई तनाव नहीं है. इससे पहले भी 9 जनवरी की रात बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर बांग्लादेश के मवेशी तस्करों ने सीमा बीएसएफ के जवानों पर हमला किया था. तब जवानों ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई करते हुए उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया था.